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एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल पड़ेगा भारी, 3.9 करोड़ मौत की आशंका!

लैंसेट स्‍टडी

लैंसेट की स्‍टडी के मुताबिक, एंटीमाइक्रोबियल रजिस्‍टेंस (AMR) की वजह से साल 1990 से 2021 के बीच दुनियाभर में हर साल 10 लाख से ज्‍यादा लोगों की मौतें हुईं.

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3.9 करोड़ मौत की आशंका!

स्‍टडी में अनुमान जताया गया है कि अगले 25 वर्षों में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की वजह से 3.90 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है. एंटीबायोटिक दवाओं का ज्‍यादा या गलत इस्‍तेमाल लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है.

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भारत के संदर्भ में फैक्‍ट्स

भारत की बात करें तो देश में साल 2019 में सेप्सिस से होने वाली 29.9 लाख मौतों में से 60% बैक्टीरिया संक्रमण के कारण हुईं. इनमें से करीब 2.9 लाख मौतें सीधे तौर पर AMR के चलते हुईं.

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भारत के लिए चिंता की बात

साल 2025 से 2050 के बीच AMR की वजह से दक्षिण एशिया में सीधे तौर पर 1.18 करोड़ लोगों की मौत होने का अंदेशा है. इससे भारत काफी हद तक प्रभावित हो सकता है.

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बचाई जा सकती है करोड़ों जानें

रिसर्चर्स ने बताया है कि हेल्‍थ सर्विस और एंटीबायोटिक दवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो तो साल 2025 से 2050 के बीच कुल 9.2 करोड़ लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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