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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखी गई है. कच्चे तेल की कीमतें 5% गिरकर पिछले 9 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं.
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ब्रेंट क्रूड वायदा करीब 5% की गिरावट के साथ 73.13 डॉलर/बैरल तक फिसल गया, जो दिसंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है.
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इस साल 2024 में तेल की कीमतों में अब तक की बढ़त पूरी तरह खत्म हो गई. WTI क्रूड भी 70 डॉलर/बैरल के नीचे फिसल गया है.
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'लीबिया संकट' टलने से बाजार में ज्यादा तेल उपलब्ध होने की संभावना की खबर से पहले इस भरोसे के साथ कीमतों में गिरावट आई थी कि कच्चे तेल का सबसे ज्यादा आयात करने वाले देश चीन में आर्थिक सुस्ती के चलते मांग में कमी आई है.
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OPEC+ ने साल 2022 की मीटिंग में ही तय किया था कि वे कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाएंगे, लेकिन अब तक हुई मीटिंग्स में इस बारे में फैसला नहीं लिया गया.
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कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने पर इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियाें (OMCs) को होगा फायदा.