दिग्गज IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. TCS में महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ रही हैं. इसके पीछे वजह कंपनी की 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' पॉलिसी मानी जा रही है. TCS के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेज ऑफिसर मिलिंद एल ने 2022-23 के लिए IT कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा कि ये असामान्य है. हालांकि, उन्होंने महिला कर्मचारियों के बीच एट्रिशन रेट (नौकरी छोड़ने की दर) का आंकड़ा नहीं बताया.
31 मार्च 2023 को, TCS का एट्रिशन रेट 20.1% पर रहा था. मिलिंद ने कहा कि हमेशा से TCS में महिलाओं का एट्रिशन रेट पुरुषों से कम या समान रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी अन्य वजह भी हो सकती हैं, लेकिन उनका मानना है कि कोविड महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम ने कुछ महिलाओं के लिए घरेलू स्थितियां बदल दी हैं. यही वजह है कि, महामारी खत्म होने के बाद भी महिलाएं दफ्तर का रुख नहीं कर रहीं.
मिलिंद ने आगे कहा कि FY23 में महिलाओं के बीच ज्यादा एट्रिशन रेट कंपनी के लिए झटका है. लेकिन वो इस पर काम कर रहे हैं. उनके मुताबिक, कंपनी की एक्सटर्नल हायरिंग में, इस साल कुल नियुक्ति में से महिलाएं, 38.1% हैं. जबकि, वर्कफोर्स में उनका हिस्सा 35.7% है.
महामारी की वजह से अलग-अलग सेक्टर्स में लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी. वहीं, भारत की 245 बिलियन डॉलर की IT सर्विसेज इंडस्ट्री ने महिलाओं को बड़े तौर पर आकर्षित किया था. रिमोट वर्क की वजह से उन्हें घर और दफ्तर की जिम्मेदारियों में संतुलन बनाने में आसानी हुई थी. अब, जब चीजें सामान्य हो रही हैं और दफ्तर दोबारा खुल रहे हैं, तो उन्हें बैलेंस बनाकर रखने में मुश्किल आ रही है.
मिलिंद ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम निश्चित ही सभी लोगों के लिए ज्यादा सुविधाजनक है. लेकिन इसके नुकसान भी हैं. जिन कर्मचारियों को काम करते हुए कुछ समय हो गया है और उनका नेटवर्क बन गया है, तो वो बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं. लेकिन जूनियर कर्मियों के साथ ऐसा नहीं है.
साथ में मिलकर काम करना, टीम बिल्डिंग जैसी जरूरी चीजों को इन दो साल में बहुत नुकसान पहुंचा है. मिलिंद के मुताबिक, TCS की मौजूदा वर्कफोर्स में से आधे से ज्यादा की नियुक्ति मार्च 2020 के बाद हुई थी, जब महामारी की वजह से सभी लोगों को वर्क फ्रॉम होम पर जाना पड़ा था. इसका मतलब है कि उन्होंने दफ्तर देखा ही नहीं है.
पिछले कुछ महीनों के दौरान, दिग्गज IT कंपनी ने अपनी वर्क फ्रॉम ऑफिस की पॉलिसी पर काम किया है. कर्मचारियों को कम से कम हफ्ते में तीन दिन दफ्तर नहीं आने पर मेमो भी दिए गए हैं.
TCS ने एक बयान में कहा कि हमारा लक्ष्य है कि महीने में औसतन कम से कम तीन दिन सभी कर्मचारी दफ्तर से काम करें. और इसी सिलसिले में हम चाहते हैं कि सभी इसमें भाग लें.