महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लांसेट जर्नल के एक कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2040 तक ब्रेस्ट कैंसर से जान गंवाने वाली महिलाओं की संख्या दुनियाभर में सालाना आधार पर 10 लाख पहुंच जाएगी.
2020 में दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के करीब 23 लाख मामले आए थे, जिनमें से 6,85,000 महिलाओं की मौत हो गई थी.
2040 में ब्रेस्ट कैंसर के कुल मामले बढ़कर 30 लाख पहुंच जाएंगे. इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित निम्न और मध्यम आय वर्ग में शामिल देश होंगे.
2016 से 2020 के बीच, 5 साल में दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के कुल 78 लाख मामले सामने आए थे.
मतलब 2020 के बाद, 20 साल में ही ब्रेस्ट कैंसर से जान गंवाने वाली महिलाओं की संख्या में 40% से ज्यादा का इजाफा हो जाएगा. इतना ही नहीं ब्रेस्ट कैंसर के हर 3 मामलों में से 1 (33%) में मरीज की मौत हो जाएगी.
कमीशन ने ब्रेस्ट कैंसर के चलते मरीज व परिवारों को होने वाली आर्थिक दिक्कतों का भी जिक्र है, जिसके ऊपर आमतौर पर नजर नहीं जाती और इसके समाधान के लिए भी बहुत कदम नहीं उठाए गए.
कमीशन ने ब्रेस्ट कैंसर की चुनौतियों से निपटने के लिए सुझाव भी दिए हैं. कमीशन का कहना है कि मरीज और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच बेहतर कम्युनिकेशन से मरीज की लाइफ क्वालिटी, बॉडी इमेज बेहतर हो सकती है, मरीज बेहतर ढंग से थेरेपी को अपना सकता है और इलाज पर सकारात्मक असर हो सकता है.
PTI की रिपोर्ट में एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की रेश्मा जगसी कहती हैं, 'सभी तरह की व्यवस्थाओं में महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों को ऐतिहासिक तौर पर पुरुषों की तुलना में कम सम्मान दिया गया है. मरीजों को अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि उनकी सेवा से जुड़े फैसलों में वे चुनाव कर सकें.'
वे कहती हैं, 'हर हेल्थकेयर प्रोफेशनल को कम्युनिकेशन स्किल ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. मरीज और हेल्थ प्रोफेशनल्स के बीच संवाद के स्तर को सुधारने के अच्छे प्रभाव हो सकते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर प्रबंधन की व्यवस्था के परे भी जाते हैं.'