Year Ender 2024: बेबी फूड्स पर घिरी नेस्ले, मुश्किलों अनिल अंबानी; इन कॉरपोरेट विवादों ने बंटोरी सबसे ज्यादा सुर्खियां

हम इस साल कुछ बड़े बिजनेस विवादों की पर नजर डाल रहे हैं. इनमें उत्तराधिकार की लड़ाई, रेगुलेटर्स द्वारा कंपनियों पर की गई बड़ी कार्रवाईयां, बड़े घोटाले-चोरी और ऐसे ही अन्य विवाद शामिल हैं.

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साल 2024 अपने खात्मे की ओर बढ़ रहा है. आखिर में हर चीज का हिसाब-किताब तो किया ही जाता है, फिर 2024 भी इससे अछूता नहीं होगा. यहां हम इस साल कुछ बड़े बिजनेस विवादों की पर नजर डाल रहे हैं. इनमें उत्तराधिकार की लड़ाई, रेगुलेटर्स द्वारा अनियमित्ताओं के मामलों में कंपनियों पर की गई बड़ी कार्रवाईयां, बड़े घोटाले-चोरी और ऐसे ही अन्य विवाद शामिल हैं, जिन्होंने इस साल खूब सुर्खियां बंटोरी.

कई विवादों में फंसे अनिल अंबानी

अनिल अंबानी और उनसे जुड़ी कंपनियां इस साल कई तरह के विवादों में फंसी. सबसे बड़ा मामला रिलायंस होम फाइनेंस से फंड्स की हेरफेर से जुड़ा रहा. SEBI ने मामले में अनिल अंबानी की भूमिका के चलते उन पर 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन लगा दिया. साथ ही 25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया.

इसी तरह नवंबर में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों को सोलर एनर्जी कॉर्प ऑफ इंडिया (SECI) ने भविष्य में आने वाले किसी भी टेंडर के लिए बोली लगाने से 3 साल के लिए बैन कर दिया. मामला टेंडर लेने के लिए फर्जी बैंक गारंटी जमा करने से जुड़ा था.

ओबेरॉय ग्रुप में उत्तराधिकार पर विवाद

ओबेरॉय परिवार में भी 2024 में उत्तराधिकार को लेकर हाई प्रोफाइल विवाद सामने आया.

दरअसल नवंबर, 2023 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के दिग्गज पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का निधन हो गया था. अनास्तासिया ओबेरॉय अपने सौतेले भाई-बहन विक्रमजीत, नताशा और कजिन अर्जुन को कोर्ट ले गई हैं. अनास्तासिया ने इन लोगों पर अपने दिवंगत पिता PRS की वसीयत का पालन रोकने का आरोप लगाया है. मामला 25 अक्टूबर 2021 को बनाई गई वसीयत और 27 अगस्त 2022 को इसमें किए गए फेरबदल से जुड़ा है.

दरअसल अनास्तासिया ओबेरॉय का कहना है कि वसीयत के हिसाब से उनके दिवंगत पिता के EIH और ओबेरॉय होटल्स में जितने शेयर थे, उसके आधे उन्हें मिलने के साथ-साथ, कुछ हिस्सा AO ट्रस्ट में जाना चाहिए, जिसकी एकमात्र बेनिफिशियरी वो खुद हैं. जबकि दूसरे पक्ष ने वसीयत की वैधता पर सवाल उठाए हैं और 20 मार्च 1992 को बनाई गई वसीयत पेश की है. इस पक्ष का कहना है कि बंटवारा 32 साल पहले बनाई गई वसीयत के आधार पर होना चाहिए, क्योंकि ये ग्रुप के संस्थापक मोहन सिंह ओबेरॉय के सामने बनाई गई थी.

सितंबर में दिल्ली हाई कोर्ट ने EIH, ओबेरॉय होटल्स और ओबेरॉय प्रॉपर्टीज में दिवंगत PRS (पृथ्वी राज सिंह) के शेयर ट्रांसफर पर तात्कालिक प्रतिबंध लगा दिया है.

बर्मन परिवार का रेलिगेयर मैनेजमेंट के साथ विवाद

2024 में डाबर को चलाने वाले बर्मन परिवार का रेलिगेयर मैनेजमेंट के साथ विवाद और गहरा गया. पूरा मामला रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में बर्मन परिवार की हिस्सेदारी बढ़ाने से जुड़ा है. दरअसल बर्मन परिवार रेलिगेयर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 26% करना चाहता था. RBI ने भी इसके लिए बर्मन परिवार के ओपन ऑफर को मंजूरी दे दी है.

RBI की ये मंजूरी बर्मन परिवार के रेलिगेयर में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित होगा. साथ ही इससे NBFC में चल रहे प्रबंधन और नियंत्रण विवादों को हल करने में मदद मिलेगी. ये लड़ाई बर्मन परिवार और कंपनी की मौजूदा एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन रश्मि सलूजा के बीच चल रही है.

कल्याणी परिवार में उत्तराधिकार को लेकर बड़ी लड़ाई

एक तरफ जहां बाबा कल्याणी (75 वर्ष) और गौरीशंकर कल्याणी (69 वर्ष) के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है वहीं दूसरी तरफ बाबा और गौरीशंकर की बहन सुगंधा हिरेमठ के बच्चे भी वसीयत में नौवें हिस्से की मांग पर को लेकर अड़े हुए हैं.

सितंबर में बाबा कल्याणी और उनके छोटे भाई गौरीशंकर कल्याणी के बीच अपनी स्वर्गीय मां सुलोचना कल्याणी की वसीयत को लेकर नया विवाद पैदा हो गया. दरअसल बाबा कल्याणी ने पुणे सिविल कोर्ट में अपनी स्वर्गीय मां सुलोचना नीलकंठ कल्याणी की 27 जनवरी 2012 की वसीयत को प्रमाणित करने की मांग की है.

इसके खिलाफ गौरीशंकर ने अदालत में 17 दिसंबर 2022 की नई वसीयत का हवाला देते हुए एफिडेविट दाखिल किया, जिसमें उन्होंने कुछ संपत्तियों पर अपना दावा किया है, जो उन्हें उनकी मां सुलोचना कल्याणी ने दी थी.

पिछले साल फरवरी 2023 में सुलोचना नीलकंठ कल्याणी का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. अनुमानत: वे करीब 70,000 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गई हैं.

WazirX क्रिप्टो एक्सचेंज से हुई 2,000 करोड़ रुपये की चोरी

18 जुलाई को WazirX का क्रिप्टो एक्सचेंज हैक हो गया था, जिसके बाद कुल 234.9 मिलियन डॉलर (करीब 2000 करोड़ रुपये) की चोरी की बात सामने आई थी. इसके बाद कंपनी ने INR और क्रिप्टो विड्रॉल पर रोक लगा दी थी. घटना के बाद WazirX के निवेशकों में बड़ी चिंता पैदा हो गई थी. वे कंपनी की तरफ से फंड रीस्ट्रक्चरिंग के प्रयासों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

बेबीफूड्स पर नेस्ले से जुड़ा बड़ा विवाद

अप्रैल में नेस्ले से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आया था. एक्टिविस्ट संगठन पब्लिक आई ने दावा किया था कि कंपनी भारत समेत विकासशील देशों में दोयम दर्जे के बेबी फूड प्रोडक्ट्स बेचती है. दरअसल WHO के मुताबिक बेबी फूड प्रोडक्ट्स में अतिरिक्त चीनी पर प्रतिबंध है. जबकि विकासशील देशों में नेस्ले के बेबी फूड प्रोडक्ट्स में अत्याधिक मात्रा में एडेड शुगर डाली जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक नेस्ले इन देशों के नियमों में मौजूद खामियों का फायदा उठा रही है. विकसित और विकासशील देशों में बच्चों के फूड प्रोडक्ट्स में इस भेदभाव ने कंपनी को बड़ी मुश्किलों में फंसा दिया था.