Travel Insurance: क्‍यों महत्‍वपूर्ण है ट्रैवल इंश्‍योरेंस और आपको इसके लिए कितना खर्च करना चाहिए?

ट्रैवल इंश्‍योरेंस केवल अनचाही, अप्रत्याशित घटनाओं या अनहोनी से सुरक्षा देने के लिए नहीं होता, बल्कि ये आपकी यात्रा को तनावमुक्त और सुरक्षित बनाता है.

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भारत समेत दुनियाभर में ट्रैवल और टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री का विस्‍तार हो रहा है. लोग न केवल काम के सिलसिले में यात्राएं कर रहे हैं, बल्कि उनके बीच घूमने-फिरने का शौक भी बढ़ा है. देश-विदेश का टूर करने वाले लोगों की संख्‍या बढ़ रही है और इसी के साथ ट्रैवल इंश्‍योरेंस का महत्‍व भी बढ़ रहा है. अप्रत्‍याशित घटनाओं से बचने के लिए लोग ट्रैवल इंश्‍योरेंस का सहारा ले रहे हैं.

ट्रैवल इंश्‍योरेंस में कई सारी कंपनियों और कई सारे प्‍लान्‍स एवलेबल होने के चलते, ये तय करना मुश्किल हो सकता है कि इसके लिए कितने पैसे खर्च किए जाएं, कितना भुगतान किया जाए.

ज्यूरिख इंश्योरेंस ग्रुप (70%) और कोटक महिंद्रा बैंक (30%) की ज्‍वाइंट वेंचर, ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस कंपनी (इंडिया) ने ट्रैवल इंश्‍योरेंस की कॉस्टिंग यानी लागत को प्रभावित करने वाले फैक्‍टर्स पर प्रकाश डाला है. साथ ही ये भी कैलकुलेट करने की कोशिश की है कि आपको इसके लिए कितनी राशि खर्च करनी चाहिए.

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इन फैक्‍टर्स पर निर्भर है यात्रा बीमा की लागत 

  • उम्र और स्वास्थ्य: उम्रदराज लोगों के लिए यात्रा बीमा महंगा हो सकता है . ऐसे में वो प्‍लान चुनें जो आपकी स्वास्थ्य संबंधी सारी जरूरतों को पूरा करे.

  • गंतव्य (डेस्टिनेशन): यदि आप हाई रिस्‍क वाले इलाकों, जैसे युद्धग्रस्त देशों या हाई क्राइम रेट वाले देशों की यात्रा कर रहे हैं, तो बीमा की लागत अधिक हो सकती है.

  • यात्रा का प्रकार: व्यावसायिक यात्राएं या लग्जरी वैकेशन के लिए स्‍पेशल इंश्‍योरेंस प्‍लान्‍स की जरूरत पड़ सकती है, जो महंगी हो सकती हैं.

  • पॉलिसी लिमिट: यदि आपकी बीमा पॉलिसी में ज्‍यादा कवरेज है, तो इस वजह से भी इंश्‍योरेंस की कीमत अधिक हो सकती है.

  • यात्रा की अवधि: लंबी अवधि की यात्राओं के लिए अधिक बीमा लागत चुकानी पड़ सकती है क्योंकि इसमें रिस्‍क ज्‍यादा होता है.

  • डिडक्टिबल (Deductible): यदि आप बीमा क्लेम करते हैं, तो डिडक्टिबल वो राशि होती है, जिसे आपको अपनी जेब से चुकाना होता है. हाई डिडक्टिबल से प्रीमियम कम हो सकता है, लेकिन क्लेम के समय खर्च अधिक हो सकता है .

  • यात्रा का माध्यम (घरेलू यात्रा के लिए): यदि आप हवाई यात्रा कर रहे हैं, सड़क मार्ग से जा रहे हैं या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं, तो यात्रा बीमा की लागत बदल सकती है. कुछ पॉलिसियां ट्रैवल मोड (Mode of Travel) के अनुसार अलग-अलग कवरेज देती हैं .

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पॉलिसी डॉक्‍युमेंट ध्यान से पढ़ना जरूरी

ट्रैवल इंश्‍योरेंस लेते समय ये समझना जरूरी है कि आपकी पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहीं. पॉलिसी डॉक्‍युमेंट को ध्यान से पढ़ना चाहिए. स्पष्ट कवरेज,अपवाद और सीमाओं के बारे में जानकारी लेनी चाहिए. अस्पष्ट भाषा या हिडेन कंडीशंस यानी छिपे हुए नियमों वाली पॉलिसी से बचना चाहिए. कारण कि ये आपकी यात्रा के दौरान अनावश्यक खर्चों का कारण बन सकती हैं.

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ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस ने बताया है कि ट्रैवल इंश्‍योरेंस की कॉस्टिंग को प्रभावित करने वाले फैक्‍टर्स को जानते, समझते हुए आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही पॉलिसी चुन सकते हैं. ये ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि ट्रैवल इंश्‍योरेंस केवल अनचाही, अप्रत्याशित घटनाओं या अनहोनी से सुरक्षा देने के लिए नहीं होता, बल्कि ये आपकी यात्रा को तनावमुक्त और सुरक्षित बनाने में भी मदद करता है.