Budget 2024: ग्रोथ, टैक्स से लेकर वित्तीय लक्ष्यों तक! भारत की क्या रहेंगी प्राथमिकताएं, EY की रिपोर्ट

अपनी रिपोर्ट की शुरुआत में ही EY (Ernst & Young) इस बात की तस्दीक करता है कि भारत की इकोनॉमी दुनिया को पीछे छोड़ते हुए FY24 में 7% की रफ्तार से दौड़ेगी.

Source: Canva

2024 एक चुनावी साल है, इसलिए इस बार 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट होगा, लोकलुभावन ऐलानों की उम्मीद कम ही है.

ऐसे में FY25 बजट के लिए सरकार की प्राथमिकताएं क्या होंगी. देश की अर्थव्यवस्था का ग्राफ कैसा रहेगा, वित्तीय लक्ष्य और खर्चों को लेकर सरकार कैसा खाका तैयार करेगी. इस पर EY ने एक रिपोर्ट तैयार की है.

भारत की इकोनॉमी दुनिया से तेज रहेगी

अपनी रिपोर्ट की शुरुआत में ही EY (Ernst & Young) इस बात की तस्दीक करता है कि भारत की इकोनॉमी दुनिया को पीछे छोड़ते हुए FY24 में 7% की रफ्तार से दौड़ेगी. सरकार कैपिटल एक्सपेंडीचर (वो पैसा जो सरकार शिक्षा, अस्पताल, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऐसी तमाम योजनाओं पर खर्च करती है) को प्राथमिकता देते हुए फिस्कल कंसोलिडेशन को बहाल करेगी और मीडियम टर्म ग्रोथ को बनाकर रखेगी.

उभरते हुए आर्थिक विकास की रूपरेखा

EY की रिपोर्ट में इस बात को दर्शाया गया है कि भारत की GDP ग्रोथ पटरी पर है. RBI, IMF से लेकर ADB तक सभी भारत की ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं.

Source: EY Report

उभरती वित्तीय रूपरेखा (Emerging fiscal contours)

  • सरकार का ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू (GTR) अप्रैल-नवंबर FY24 के दौरान 14.7% बढ़ा. FY24 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बचे हुए चार महीनों में सिर्फ 3.6% ग्रोथ की जरूरत है.

  • सरकार ने पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता दी है, जिसने अप्रैल-नवंबर FY24 के दौरान 31% की मजबूत ग्रोथ दिखाई है. इससे FY24 की पहली छमाही में विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाई है.

हालांकि रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सरकार के रेवेन्य एक्सपेंडीचर (जो पैसा कर्जों के ब्याज चुकाने, सब्सिडी, रोजमर्रा के सरकारी खर्चों को पूरा करने के लिए करती है) पर दबाव भी देखने को मिलेगा, जो कि कई कारणों से होगा- जैसे- दुनिया में बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों से जिससे फर्टिलाइजर सब्सिडी उम्मीद से ज्यादा बढ़ गई है और घरेलू इस्तेमाल के लिए LPG की कीमतों में कटौती करने का असर भी है, साथ ही सरकार की ओर से गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना को जारी रखने का फैसला भी सरकारी खजाने पर बोझ डालेगा.

Source: EY Report

फिस्कल कंसोलिडेशन की संभावनाएं

  • भारत सरकार FY24 के अपने वित्तीय घाटा लक्ष्य जो कि GDP का 5.9% है, उसे हासिल करने में सक्षम हो सकती है

  • इससे FY26 के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को GDP के 4.5% पर बनाए रखने में मदद मिलेगी.

टैक्स को लेकर सरकार की कोशिश

अब बात आती है टैक्स की, पिछले साल सरकार का फोकस घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने, निवेश को बढ़ाने पर रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुए टैक्स पॉलिसी को बुना गया था. सरकार की मौजूदा प्राथमिकताओं में ये बातें शामिल हैं.

इनकम टैक्स रेट में बदलाव नहीं

  • FY20 के बाद से मौजूदा इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है

  • रेगुलर टैक्स सिस्टम चुनने वाले टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं

टैक्स विवादों को घटाने की कोशिश

साल 2023 में 100 JCIT(A) पद बनाए गए. छोटे टैक्सपेयर्स के लिए साल 2021 में डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमिटी बनाई गई. हालांकि इसके पहले साल 2020 में विवाद से विश्वास स्कीम भी लाई गई, जिसका मकसद था तमाम एपीलेट फोरम में पड़े टैक्स के मामलों को जल्द से जल्द घटाना. इसके बाद सरकार ने साल 2023 में 100 ज्वाइंट कमिश्नरों को छोटी छोटी शिकायतों के निपटारे के लिए तैनात किया.

मोदी सरकार ने टैक्स कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए जो भी कदम उठाए उसका असर भी दिखा है. सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन तेजी से बढ़ा है. ये रिपोर्ट जब लिखी जा रही थी, तभी सरकार नेट डायरेक्ट कलेक्शन के नए आंकड़े जारी किए, जिसके मुताबिक FY24 में अबतक सरकार का नेट डायरेक्ट कलेक्शन 19% बढ़कर 14.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि बजट लक्ष्य का 80% है.

अब लौटते हैं कि EY ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है-

टैक्स कलेक्शन में तेजी आई

बीते दशक में, यानी जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.3% के CAGR से बढ़ा है. FY 2013-14 में ये 6.4 लाख करोड़ रुपये हुआ करता था, FY 2022-23 में ये 16.7 लाख करोड़ रुपये हो गया. टैक्स कलेक्शन बढ़ा तो टैक्सपेयर्स भी बढ़े हैं, FY14 में जहां 5.7 करोड़ टैक्सपेयर्स थे, FY23 में बढ़कर 9.4 करोड़ हो गए. यानी 64.9% का उछाल टैक्सपेयर्स बेस में आया है.

हालांकि 1 फरवरी को सरकार कोई बड़ा ऐलान करेगी, इसकी संभावना तो काफी कम ही है, मगर बाजार ये उम्मीद लगाए बैठा है कि मौजूदा सरकार ही साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में जीतकर आएगी, क्योंकि बीते 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में जिस तरह से BJP ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है, बाजार BJP की जीत को लेकर पहले से ही आश्वस्त दिख रहा है, इसलिए अगर यही सरकार आगे भी जारी रहती है तो ग्रोथ का मोमेंटम भी यूं ही जारी रह सकता है.