आमदनी अठन्‍नी, खर्चा रुपैया: आर्थिक तंगी से जूझ रहे 48% परिवार, आय और बचत घटने का अनुमान! क्‍या बजट में होंगे राहत भरे ऐलान?

Budget 2024: लाेगों को आगामी बजट से आयकर दरों में कमी, जीरो टैक्‍स स्‍लैब कैटगरी का विस्‍तार और 80C के तहत कटौती की सीमा बढ़ाए जाने जैसी राहत भरी घोषणाओं की उम्‍मीद है.

Source: Canva

देश के 48% परिवार कहीं न कहीं आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. उनकी आय भी पहले की अपेक्षा कम हुई है और बचत भी. और खर्चें तो कम होने वाले नहीं. ऐसे में उन परिवारों की स्थिति 'आमदनी अठन्‍नी, खर्चा रुपैया' वाली है.

रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा शिक्षा, बिजली, ट्रांसपोर्ट, किराया जैसे खर्च बढ़ते जा रहे हैं और इन खर्चों के अनुपात में आय बढ़ नहीं रही तो ऐसे में लोग अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत में कटौती कर रहे हैं.

पैतृक जमीन या संपत्ति का कम होना और जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेने की नौबत भी इस बीच बड़ी चिंता बनकर उभरी है. ऐसे में भारतीय परिवार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2024-25 में उनके लिए कुछ राहत भरे ऐलान की उम्‍मीद कर रहे हैं.

लगातार कम हो रहा घरेलू बचत का आंकड़ा

आय कम होने और खर्चे बढ़ने के चलते देश में घरेलू बचत लगातार कम होती जा रही है. केंद्रीय मंत्रालय (MoSPI) की ओर से जारी नेशनल अकाउंट्स स्टेटिस्टिक्स 2024 के आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर, भारत की घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 21 में GDP के 22.7% से गिरकर वित्त वर्ष 23 में 18.4% हो गई है.

  • देश में शुद्ध घरेलू बचत का आंकड़ा साल 2022-23 तक के 3 वर्षों में 9 लाख करोड़ रुपये की तेज गिरावट के साथ 14.16 लाख करोड़ रह गया है.

  • कोविड महामारी की दूसरी लहर वाले साल 2020-21 में घरेलू बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये के शिखर पर पहुंच गई थी, जिसके बाद से इसमें गिरावट जारी है.

  • साल 2021-22 में घरेलू बचत का आंकड़ा 17.12 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2022-23 में और कम होकर 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गया.

लोकल सर्कल्‍स ने किया सर्वे

लोकल सर्कल्स का ताजा सर्वे बताता है कि देश में 48% परिवारों की आय और बचत, दोनों कम हुई है. उनका मानना ​​है कि वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 में उनकी वार्षिक घरेलू आय कम हो जाएगी, साथ ही औसत घरेलू बचत भी कम हो जाएगी.

सर्वे के अनुसार, इनमें 7% परिवार इस वर्ष यानी 2024-25 में घरेलू आय में 25% से अधिक की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं. वहीं, 15% परिवारों का अनुमान है कि इस वर्ष उनकी बचत में 25% से ज्‍यादा की कमी आएगी.

इस सर्वे के जरिए लोकल सर्कल्स ने ये पता लगाने की कोशिश की है कि आय और बचत के मोर्चे पर लोगों का अनुमान क्‍या है. इस सर्वे में देश के 327 जिलों से 21,000 प्रतिक्रियाएं प्राप्‍त हुई हैं.

Also Read: Digital Payment: ₹500 से ऊपर के खर्चों के लिए UPI पहली पसंद; डिजिटल पेमेंट में 68% है हिस्‍सेदारी! जानिए कहां, कैसे खर्च करती देश की शहरी आबादी

30% लोग बोले- 10-25% कम हो जाएगी आय

कई परिवारों के लिए सस्‍टेनेबल रोजगार या आजीविका एक बड़ी चिंता का विषय है. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अगले वित्त वर्ष आपकी घरेलू आय कैसी रहेगी? इस सवाल के जवाब में कुल 10,977 जवाब मिले. ओवरऑल 48% लोगों का अनुमान है कि इस साल उनकी आय कम हो जाएगी.

  • 7% ने अनुमान लगाया कि उनकी घरेलू आय 25% या उससे ज्‍यादा गिर जाएगी.

  • 30% ने अनुमान लगाया कि उनकी घरेलू आय 10-25% तक कम हो जाएगी.

  • 11% ने कहा कि उनकी आय भी घटेगी, हालांकि कितनी घटेगी, ये नहीं बता पाए.

  • 26% लोग ऐसे भी थे, जिन्‍होंने कहा कि उनकी आय पर कोई असर नहीं होगा.

  • 5% लोगों को उनकी घरेलू आय 25% तक बढ़ने की उम्‍मीद है.

  • 11% ने कहा कि उनकी आय भी बढ़ेगी, हालांकि कितनी बढ़ेगी, ये नहीं बता पाए.

NDTV Gfx

15% लोग बोले- बचत 25% से ज्‍यादा घटेगी

आय और व्‍यय का सीधा प्रभाव बचत पर पड़ता है, ऐसे में लाजमी है कि 48% परिवारों की बचत में भी गिरावट होगी. सर्वे में ये सवाल भी पूछा गया कि पिछले साल की तुलना में इस साल उनकी बचत में कितनी बढ़ोतरी या गिरावट का अनुमान है. इस सवाल पर 10,820 जवाब मिले.

  • 10% ने संकेत दिया कि उनकी बचत 25% या उससे ज्‍यादा बढ़ सकती है.

  • 10% ने 0-25% बढ़ने का अनुमान लगाया, जबक‍ि अन्‍य 10% पक्‍का अंदाजा नहीं लगा सके.

  • 18% लोगों ने माना कि उनकी बचत FY25 में भी FY24 के समान रहेगी.

  • वहीं 28% ने कहा कि उनकी बचत में 0-25% की गिरावट होने की संभावना है.

  • अन्‍य 15% ने संकेत दिया कि उनकी बचत में 25% से ज्‍यादा की गिरावट हो सकती है.

  • 5% का कहना था कि उनकी घरेलू बचत में कमी तो आएगी, लेकिन कितनी, ये नहीं बता सकते.

  • सर्वे में शामिल 4% ऐसे लोग भी थे, जो इस सवाल का स्‍पष्‍ट जवाब नहीं दे पाए.

बजट से उम्‍मीद- राहत भरी घोषणाएं हों

48% परिवारों की आय और बचत में गिरावट का अनुमान कहीं न कहीं चिंता का विषय है. निश्चित तौर पर हाल के वर्षों में जीवनयापन का खर्च बढ़ा है. लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उधार या लोन भी लेना पड़ता है. इनमें पर्सनल और एजुकेशन लोन से लेकर ऑटो लोन और होम लोन भी शामिल होते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले हफ्ते बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में इन परिवारों से मिली प्रतिक्रियाएं इस ओर इशारा करती हैं कि आयकर दरों में कमी, जीरो टैक्‍स स्‍लैब कैटगरी का विस्‍तार और 80C के तहत कटौती की सीमा बढ़ाए जाने जैसी राहत भरी घोषणाओं की उम्‍मीद है.

Also Read: Bad Network Connection: 10 में से 9 लोग कॉल ड्रॉप से परेशान! टेक्‍नोलॉजी बढ़ी, टैरिफ महंगा हुआ पर दिक्‍कतें बरकरार