Budget 2024: घर किराये पर देने वाले मकान मालिकों को अब देना होगा ज्यादा टैक्स!

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 28 में प्रस्तावित संशोधन का मकसद साफ तौर इस चीज को सुधारना है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज को किराए पर देने से होने वाली आय को 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के रूप में ही वर्गीकृत किया जाना चाहिए.

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आप एक मकान मालिक हैं और आपकी रेंटल इनकम है, तो बजट में एक ऐसा ऐलान हुआ है जो आपके टैक्स का बोझ बढ़ा सकता है. बजट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक - रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर होने वाली रेंटल इनकम को अब 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के तौर पर दिखाना होगा, जिसे कि अबतक इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स बिनेजस इनकम के रूप में दिखा देते थे और टैक्स छूट का फायदा उन्हें मिल जाता था.

बजट में रेंटल इनकम पर क्या बदला?

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 28 में प्रस्तावित संशोधन का मकसद साफ तौर इस चीज को सुधारना है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज को किराए पर देने से होने वाली आय को 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के रूप में ही वर्गीकृत किया जाना चाहिए. ये संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा.

दरअसल, कई मकान मालिक रेंटल इनकम को बिजनेस एंड प्रोफेशन में डाल देते हैं, जबकि उन्हें हाउस प्रॉपर्टी की कैटेगरी में डालना चाहिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा है इनकम टैक्स के अधिनियम में एक संशोधन किया जाता है, जिससे ये साफ हो जाता है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज से होने वाली रेंटल आय को अनिवार्य रूप से इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए, न कि बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाले फायदे के तौर पर.

अबतक क्या होता था

अब इससे होगा क्या, जरा इसे भी समझ लेते हैं. अभी तक जो भी मकान मालिक रेंटल इनकम को बिजनेस या प्रोफेशन के तौर पर दिखाते थे, वो की तरह के खर्चे दिखाकर टैक्स छूट हासिल कर लेते थे, जिससे उनकी टैक्सेबल इनकम घट जाती थी. जैसे - मेनटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर का काम और मकान चूंकि एक डेप्रिसिएशन एसेट है, उसका भी फायदा डिडिक्शन क्लेम करके उठा लेते थे. जो कि एक तरह से गलत तरीके से ली गई डिडक्शन है.

इस बदलाव को टैक्स एक्सपर्ट एक अच्छे कदम के तौर पर देखते हैं. उनका कहना है इससे मुकदमेबाजी कमी आएगी.