घट रही हैं प्याज की कीमतें, अच्छी बारिश से खरीफ की फसल में मिली मदद

जिन क्षेत्रों में खरीफ फसलों जैसे प्याज, टमाटर और आलू की बुआई होती है उनमें पिछले साल के मुकाबले बड़ा इजाफा देखने को मिला है.

Source: Canva

प्याज की कीमतें घट रही हैं. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि रबी की पैदावार बढ़ रही है. क्योंकि समय पर और अच्छे मॉनसून से खरीफ की फसलों को फायदा मिला है. जिन क्षेत्रों में खरीफ फसलों जैसे प्याज, टमाटर और आलू की बुआई होती है उनमें पिछले साल के मुकाबले बड़ा इजाफा देखने को मिला है.

क्या हैं कीमतें घटने की वजहें?

मई में प्याज की कीमतों में महंगाई सालाना आधार पर 38.1% और मासिक आधार पर 0.5% रही है. प्याज की पैदावार तीन सीजन में होती है- रबी (मार्च से मई), खरीफ (सितंबर से नवंबर)और लेट खरीफ (जनवरी से फरवरी). रबी की फसल का कुल उत्पादन में करीब 70% योगदान होता है. जबकि खरीफ और लेट खरीफ बाकी 30% का योगदान देते हैं.

खरीफ प्याज रबी और पीक खरीफ फसल आने के बीच अंतर के दौरान कीमतों को स्थिर करने के लिए अहम होता है. मौजूदा समय में बाजार में उपलब्ध प्याज इस साल मार्च-मई के दौरान पैदा की गई रबी की फसल है. सरकार ने कहा कि इसका 191 लाख ठन का उत्पादन हुआ जो प्रति महीने करीब 17 लाख टन की घरेलू खपत को पूरा करने के लिए काफी है.

इसके अलावा इस साल रबी की फसल के दौरान और उसके बाद मौसम की स्थिति से प्याज की स्टोरेज में होने वाला नुकसान घटा है. भारत में इस अवधि के दौरान रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया, जब देश का बड़ा हिस्सा भीषण हीटवेव का सामना कर रहा था.

स्टोरेज में होने वाला नुकसान घटा

सरकार ने कहा कि क्योंकि किसान मंडी में ज्यादा कीमतों और मॉनसून के आने की वजह से ज्यादा रबी प्याज को रिलीज कर रहे हैं जिससे स्टोरेज में नुकसान को घटाने और प्याज की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिल सकती है.

क्रिसिल रेटिंग्स ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि जून में वेजिटेरियन थाली की कीमत पिछले महीने के मुकाबले बढ़ी है. इसके पीछे वजह है कि प्याज, आलू और टमाटर की कीमतों में क्रमश: 9%, 15% और 29% की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

Also Read: सरकार की कोशिशों के बावजूद प्याज और दालों की कीमतें नहीं आ रहीं नीचे