एयरसेल मैक्सिस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा : वित्तमंत्री अरुण जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एयरसेल मैक्सिस डील के मुद्दे पर संसद में बयान देते हुए कहा कि इस घोटाले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगी। सरकार की मंशा साफ है कि किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। इस मामले में सरकार जांच के जरिए तह तक जाएगी।

वित्तमंत्री अरुण जेटली

एयरसेल मैक्सिस सौदा मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप पर संसद में गहमागहमी के बीच सरकार ने स्पष्ट किया कि एयरसेल मैक्सिस या भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में दोषी पाए जाने वाले बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह व्यक्ति कितना महत्वपूर्ण या कोई भी क्यों न हो और ऐसे मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जायेगा।

लोकसभा में एयरसेल. मैक्सिस सौदे में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के बेटे पर लगे आरोपों को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक और बीजद की मांग पर नियम 193 के तहत चर्चा हुई।

चर्चा का जवाब देते हुए वित्ता मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘सरकार इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहती है कि वह शासन व्यवस्था में शुचिता को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में कोई भी उससे जुड़ा या संबद्ध पाया जायेगा तो उसे नहीं बख्शा जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार एयरसेल मैक्सिस समेत हर मामले की तह तक जाने और इन मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने को प्रतिबद्ध है और किसी को बचाने या छिपाने को कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार इस मामले में पिछली सरकार के रुख से प्रभावित नहीं होगी।

जेटली ने कहा, ‘‘कानून के तहत जो भी कार्रवाई की जानी है, वह कार्रवाई की जायेगी। इन जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जायेगा। सभी तथ्यों की जांच की जायेगी। अगर प्रथम द्रष्टया कोई भी साक्ष्य मिलता है तब किसी को भी नहीं बख्शा जायेगा चाहे वह व्यक्ति कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।’’ 2जी स्पेक्ट्रम मामले का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक 2जी का सवाल है कानून अपना काम करेगी। यह कहना पूरी तरह से निराधार है कि वर्तमान सरकार इस मामले में धीमी रफ्तार से काम कर रही है। आरोपपत्र दायर कर दिये गए हैं, अदालती सुनवाई चल रही है, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यह विषय आगे बढ़ रहा है। जल्द ही न्याय होगा।’’

एयरसेल मैक्सिस मामले का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘पूर्व की सरकार का चाहे जो भी रुख रहा है, हम उससे प्रभावित नहीं हैं। जांच एजेंसियों को इस मामले की जांच करने की पूरी स्वतंत्रता है।’’ उन्होंने कहा कि जहां तक सीबीआई का सवाल है, आरोपपत्र दायर किये जा चुके हैं, मामला अदालती सुनवाई के स्तर तक पहुंच गया है। प्रवर्तन निदेशालय को धन शोधन कानून के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है और 8 जनवरी 2016 में मामला दायर किया। कुछ समय पहले विभिन्न आरोपियों को नोटिस जारी किये गए हैं। इस बारे में अदालत को निर्णय करना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले छापेमारी में जांच एजेंसियों को कुछ नई बातें पता चलीं जो चेन्नई में छापेमारी से जुड़ी थी। काफी दस्तावेज जब्त किये हैं, सम्पत्ति का ब्यौरा हासिल किया गया।

आईटी अधिनियम और धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत वह इसके तथ्यों को जाहिर नहीं कर सकते क्योंकि जांच का कार्य महत्वपूर्ण स्तर पर है।

जेटली ने कहा कि कानून के तहत जो भी कार्रवाई करना जरूरी होगा, कार्रवाई की जायेगी और इन मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जायेगा। आईटी कानून, फेमा और पीएमएलए कानूनों तहत कार्रवाई की जायेगी, किसी को बख्शा नहीं जायेगा।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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