फेस्टिव सीजन में बिक्री की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है खराब मॉनसून: मारुति सुजुकी

शशांक श्रीवास्तव ने BQ प्राइम के साथ एक चर्चा के दौरान बताया कि 'हालांकि चीजें बहुत अच्छी चल रही हैं, फिर भी हमारे पास दो पॉइंट हैं जहां हमें सही मायनों में ध्यान देना होगा.'

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अगस्त में ऑटो इंडस्ट्री की अबतक की सबसे शानदार बिक्री देखने को मिली, इससे कार बनाने वाली कंपनियों को बंपर त्योहारी सीजन की उम्मीद है, लेकिन कमजोर मॉनसून का एक और महीना इन उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. ये कहना है मारुति सुजुकी इंडिया के मार्केटिंग एंड सेल्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव का.

'सितंबर में मॉनसून कहां जाता है, ये देखना होगा'

शशांक श्रीवास्तव ने BQ प्राइम के साथ एक चर्चा के दौरान बताया कि 'हालांकि चीजें बहुत अच्छी चल रही हैं, फिर भी हमारे पास दो पॉइंट हैं जहां हमें सही मायनों में ध्यान देना होगा कि क्या ये मांग जारी रहेगी. बारिश का पैटर्न, जो अगस्त में बेहद खराब था और सितंबर में, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि मॉनसून कहां जाता है.

शशांक श्रीवास्तव के मुताबिक 'कमजोर मॉनसून का एक और महीना सेंटीमेंट्स पर असर डाल सकता है और महंगाई दर बढ़ सकती है, जिससे सेंट्रल बैंक एक बार फिर दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.' उन्होंने कहा कि ऊंची दरें कार की बिक्री पर असर डाल सकती हैं, क्योंकि देश में ऐसी 80% से ज्यादा बिक्री फाइनेंस के जरिए होती है.

मॉनसून के लिहाज से अगस्त सबसे सूखा

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अगस्त 1901 के बाद से भारत में सबसे सूखा महीना था, जिसमें 33% बारिश कम हुई थी, जबकि पहले 6-10% की कमी का ही अनुमान था.

जबकि सितंबर के लिए मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि मॉनसून सामान्य रहेगा. पैटर्न असमान हो सकता है, कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मॉनसून होगा और कई जगह सामान्य से कम बारिश होगी. देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है.

ये देश में 83-दिनों के त्योहारी अवधि के बीच आता है, जो अगस्त के मध्य में चिंगम महीने में शुरू होता है और नवंबर में भाई दूज के साथ खत्म होगा. शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि 'इस अवधि के दौरान जो बिक्री होती है वो आम तौर पर पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री की वार्षिक बिक्री का 23-26% होता है.'

मारुति सुजुकी के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्री 5-7% बढ़कर 41 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना है. इसका मतलब है कि इंडस्ट्री को छुट्टियों के मौसम के दौरान करीब 10 लाख यूनिट की बिक्री होनी चाहिए.

शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि 'हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सिंचाई के बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण कृषि उत्पादन पर वास्तविक प्रभाव उतना अधिक नहीं हो सकता है, लेकिन सामान्य से कम बारिश ग्रामीण बाजारों में सेंटीमेंट पर असर जरूर डाल सकती है.'

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