जर्मनी में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद कर सकती है फॉक्सवैगन; जॉब सिक्योरिटी प्रोग्राम पर छाए काले बादल

अगर फॉक्सवैगन का जर्मन प्लांट बंद होता है, तो 87 साल में ये पहला मौका होगा जब कंपनी का कोई कारखाना बंद होगा.

प्रतीकात्मक फोटो

जर्मनी में फॉक्सवैगन AG अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद करने पर विचार कर रही है. अगर योजना पूरी होती है, तो 87 साल में पहली बार कंपनी का कोई प्लांट बंद होगा. ये डेवलपमेंट ओलाफ स्कोल्ज की सरकार के लिए तगड़ा झटका हो सकता है.

जॉब सिक्योरिटी एग्रीमेंट भी होगा खत्म

बता दें फॉक्सवैगन का जर्मन सरकार के साथ 35 साल का जॉब सिक्योरिटी प्रोग्राम पर करार था. 1994 में हुए इस करार को 2029 तक जारी रहना था, लेकिन अब कंपनी इसको भी 5 साल पहले खत्म करने की योजना बना रही है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस स्थिति में कंपनी का जर्मन सरकार के साथ टकराव बढ़ सकता है. कंपनी द्वारा प्लांट बंद किए जाने का फैसला फॉक्सवैगन AG के मेन पैसेंजर कार ब्रैंड के साथ-साथ दूसरी ग्रुप एंटिटीज को भी प्रभावित करेगा.

10 बिलियन यूरो की सेविंग का टारगेट

बता दें फॉक्सवैगन टोयोटा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी है. इसमें लैंबोर्गिनी, पोर्शे, स्कोडा, बुगाटी और ऑडी जैसे ब्रैंड फॉक्सवैगन के ही हैं.

2017 से कंपनी EV मार्केट पर भी फोकस कर रही है. लेकिन कंपनी को सबसे बड़े बाजार चीन में भी लोकल ब्रैंड्स से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है. यूरोपियन बाजार का भी यही हाल है.

1937 में स्थापित फॉक्सवैगन EV ट्रांजिशन के बीच अपनी लागत को कम करने की कोशिश कर रही है. इसके तहत कॉस्ट कटिंग से 2026 में 10 बिलियन यूरो (करीब 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की बचत करने की योजना है.

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