डिजिटल पेमेंट के जमाने में कैश लेनदेन भी बढ़ता जा रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में नोटबंदी होने और UPI आने के बाद से नकदी प्रवाह (Cash Flow) 15% सालाना की रफ्तार से बढ़ा है.
ATM का कैश मैनेज करने वाली कंपनी CMS के कैश इंडेक्स के मुताबिक, मार्च 2017 में देश में 13.35 लाख करोड़ रुपये की करंसी चलन में थी, वहीं मार्च 2024 तक ये 35 लाख करोड़ हो गई. यानी कि FY17 के बाद से अब तक चलन में करंसी दोगुनी से ज्यादा हो गई है.
2,000 रुपये के नोटों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने के बावजूद कैश इनफ्लो बढ़ा है. पिछले साल मई में RBI ने 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला लिया था. इसके बाद करीब 98% नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए.
डिजिटल लेनदेन के साथ कैश ट्रांजैक्शन भी बढ़ा
HSBC PMI और CMS कैश इंडेक्स पर नजर डालें तो पता लगता है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन की तरह ही कैश लेनदेन भी उतना ही महत्वपूर्ण है. अप्रैल 2017 से मार्च 2024 तक CMS इंफो सिस्टम का CMS कैश इंडेक्स 100 से बढ़कर 125.6 हो गया. जबकि इसी अवधि के दौरान HSBC PMI 100 से बढ़कर 117 हो गया, जो आर्थिक गतिविधि और कैश खर्च के बीच महत्वपूर्ण संबंध दिखाता है.
2016 में लॉन्च किए गए UPI ने 2020 में कोविड के बाद से रफ्तार पकड़ी. मार्च 2020 में UPI मंथली ट्रांजैक्शन 2.06 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तक 9 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. फरवरी 2024 में UPI मंथली ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 18.07 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
दिल्ली और कर्नाटक में ATM से सबसे ज्यादा निकासी
रिपोर्ट के अनुसार, ATM से निकाला जाने वाला कैश लगातार बढ़ रहा है. यानी कि अभी भी कैश पर लोगों का भरोसा बना हुआ है. देश के 23 में से 14 राज्यों में कैश निकासी तेजी से बढ़ी है. FY24 में कर्नाटक में ATM से सबसे ज्यादा कैश (1.83 करोड़/माह) निकाले गए. इसके बाद दिल्ली(1.82 करोड़/माह), पश्चिम बंगाल(1.62 करोड़/माह) का नंबर रहा. छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में ये आंकड़ा 1.61 करोड़ रुपये/माह रहा.
देश में बढ़ेगी ATM की संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, देश में ATM की संख्या बढ़ने जा रही है. RBI चाहता है कि बढ़ते कैश ट्रांजैक्शन को देखते हुए ATM नेटवर्क का विस्तार हो. साल 2016 के बाद देश में 2.25 लाख नए ATM लगाए गए. वहीं सितंबर 2023 से मार्च 2024 तक 45,000 नए ATM का ऑर्डर दिया गया है.