फर्जी लोन ऐप्स पर RBI सख्‍त! बैंकों और NBFCs को निर्देश- तैयार करें पब्लिक रिपॉजिटरी; ऐसे लगेगी फ्रॉड पर लगाम

पब्लिक रिपॉजिटरी के जरिये डिजिटल लोन देने वाले ऐप्‍स के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी जाएगी, ताकि फर्जी इकाइयों पर रोक लगाई जा सके.

Source: NDTV Profit Gfx

डिजिटली लोन बांटने वाले लेंडिंग ऐप्‍स और फर्जी लोन ऐप्‍स पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैंक RBI पब्लिक रिपॉजिटरी सिस्‍टम बनाने की तैयारी में है, जो इन ऐप्‍स की मॉनिटरिंग करेगा. मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग (RBI-MPC) में केंद्रीय बैंक ने बैंकों और NBFCs को डिजिटल लेंडिंग ऐप्‍स (DLA) के आंकड़े तैयार करने का प्रस्‍ताव दिया है.

इस पब्लिक रिपॉजिटरी के जरिये डिजिटल लोन देने वाले ऐप्‍स के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी जाएगी, ताकि फर्जी इकाइयों पर रोक लगाई जा सके.

क्‍यों जरूरी है रिपॉजिटरी?

दरअसल, देश में लोन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे तरह-तरह के फेक लोन ऐप्स हैं, जो धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर अपना विज्ञापन करते हैं, लोगों को बहला-फुसला कर लोन देते हैं फिर मनमाने तरीके से कई गुना ब्याज भी वसूलते हैं. कई तो लोन के नाम पर फ्रॉड ही करते हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए RBI ने पब्लिक रिपॉजिटरी का प्रस्‍ताव रखा है.

RBI गवर्नर ने क्‍या कहा?

मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा, 'केंद्रीय बैंक ने देश में डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कई उपाय किए हैं. अवैध डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLAs) के चलते होने वाली समस्‍याओं के समाधान के लिए RBI ने अपनी विनियमित संस्थाओं (बैंकों और NBFCs) की ओर से उपलब्‍ध DLAs का एक पब्लिक रिपॉजिटरी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है.'

बैंकों और NBFCs इस रिपॉजिटरी में अपने DLA के बारे में जानकारी देंगी, रिपोर्ट करेंगी और अपडेट देती रहेंगी. इससे आम लोगों को लोन देने वाले फर्जी ऐप्‍स की पहचान करने में मदद मिलेगी.

गूगल से हटाए जा चुके हैं 2,220+ लोन ऐप्‍स

रिजर्व बैंक ने 2 महीने पहले ही गूगल के साथ व्हाइट लिस्ट में डालने के लिए 442 यूनीक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की एक लिस्‍ट IT मंत्रालय के साथ साझा की थी. इसके अलावा गूगल ने करीब 2,200 से ज्यादा डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स को अपने प्‍ले स्टोर से रिमूव किया है. सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच ये ऐप्स हटाए गए थे.

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