रोबोटिक्स फर्म एडवर्ब टेक्नोलॉजीज (Addverb Technologies Ltd.) की नजर अपने रेवेन्यु-मिक्स को वैश्विक (Global) बनाने पर है, जिसका लक्ष्य चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए 500 करोड़ रुपये है. NDTV Profit ने ग्रेटर नोएडा स्थित इस कंपनी की फैक्ट्री का दौरा किया.
रिलायंस इंडस्ट्रीज की बैकिंग वाली कंपनी Addverb की स्थापना 2016 में एशियन पेंट्स के पूर्व अधिकारियों संगीत कुमार, प्रतीक जैन, सतीश शुक्ला और बीर सिंह ने की थी. चेयरपर्सन जलज दानी पेंटमेकर में को-प्रोमोटर हैं.
सबसे बड़ी मोबाइल रोबोट निर्माण फैसिलिटी
2021 में कंपनी ने नोएडा में बॉट वैली नाम से अपनी पहली फैक्ट्री स्थापित की और इस साल जून में ग्रेटर नोएडा में बॉट वर्स शुरू किया.
फैक्ट्री विजिट के दौरान कंपनी के को-फाउंडर सतीश शुक्ला ने NDTV Profit को बताया कि बॉट वैली की कैपिसिटी काे पूरी तरह यूटिलाइज किया गया, इसलिए हम एक और प्लांट लगाने का प्लान लेकर आए.
उन्होंने दावा किया कि ये फैक्ट्री 15 एकड़ में फैली हुई है और दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल रोबोट मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है. इस प्लांट की क्षमता हर साल 1 लाख रोबोट बनाने की है.
14 तरह के रोबोट होते हैं तैयार
ग्रेटर नोएडा स्थित प्लांट में 14 तरह के रोबोट बनाए जाते हैं. आपने यूट्यूब या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे वीडियो देखे होंगे, जिनमें इंसानों की तरह रोबोट भी गोदामों में सामान इधर-उधर पहुंचाने से लेकर पैकिंग तक का काम करते हैं. एडवर्ब के बनाए रोबोट्स में ऐसे रोबोट भी शामिल हैं.
गेल (इंडिया) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा कंपनी के ग्राहकों में हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), फ्लिपकार्ट (Flipkart), अमेजॉन (Amazon), पेप्सिको (PepsiCo), द कोका-कोला कंपनी (Coca Cola) और मैरिको (Marico Ltd.) शामिल हैं.
Also Read: Year Ender 2023: छोटी-बड़ी कंपनियों में पूरे साल चलती रही छंटनी, इतने लाख लोगों की गई नौकरी
विदेशों से ज्यादा आय का लक्ष्य
को-फाउंडर शुक्ला ने कहा, 'एडवर्ब का लगभग 70-80% रेवेन्यु वर्तमान में भारत से आता है, लेकिन अगले दो वर्षों में इस रेवेन्यु-मिक्स में बदलाव की उम्मीद है.' उन्होंने उम्मीद जताई कि कंपनी का करीब 60% रेवेन्यु भारत के बाहर से आएगा और 40% राजस्व भारत से.'
2016 के बाद से, Addverb की आय भी कई गुना बढ़ गई है. पिछले वित्त वर्ष (FY23) में इसने 447 करोड़ रुपये की आय दर्ज की थी, लेकिन कंपनी को करीब 58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं FY22 में, इसने 317 करोड़ रुपये की आय, जबकि 2.5 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था.
कई देशों में विस्तार, आय बढ़ने की उम्मीद
शुक्ला ने बताया कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कंपनी के 'आक्रामक विस्तार' (Aggressive Expansion) के चलते नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, 'अब हमारे पास यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और मिडिल ईस्ट में भी एक टीम है. ये प्रयास भविष्य के लिए ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए था.'
को-फाउंडर शुक्ला ने कहा, 'अगले तीन महीने आमतौर पर बेहद व्यस्त रहने वाला है.' आगे उन्होंने कहा, 'इस तरह हम टॉप-लाइन ग्रोथ को टारगेट कर रहे हैं. निश्चित रूप से कई और भी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें हम छुट्टियों के बाद क्लोज करेंगे.' उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में आय बढ़कर करीब 500 करोड़ रुपये हो जाएगी.