AAI ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ILS सिग्नल टेस्टिंग शुरू की; प्लेन लैंडिंग से जुड़ी है तकनीक

ILS, दो रेडियो बीम से काम करने वाली एक ऐसी तकनीक है, जहां ये दोनों बीम मिलकर लैंडिग करने जा रहे प्लेन के पायलट को वर्टिकल के साथ-साथ लैटरल गाइडेंस देती हैं.

Source: NMIA/Adani Group

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने निर्माणाधीन नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ILS (इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम) सिग्नल्स का परीक्षण शुरू कर दिया है. इस एयरपोर्ट के मार्च 2025 से चालू होने की उम्मीद है.

ये परीक्षण मंगलवार को शुरू हुआ है और शनिवार तक जारी रहेगा. इस दौरान AAI, रनवे पर ILS ऑपरेशंस के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेगा.

दरअसल ILS, दो रेडियो बीम से काम करने वाली एक ऐसी तकनीक है, जहां ये दोनों बीम मिलकर लैंडिग करने जा रहे प्लेन के पायलट को वर्टिकल के साथ-साथ लैटरल गाइडेंस देती हैं.

न्यूज एजेंसी PTI को टेस्टिंग की जानकारी देने वाले सूत्र ने बताया कि ILS का लोकलाइजर कंपोनेंट लैटरल गाइडेंस देता है, मतलब ये लैंड करने जा रहे एयरक्राफ्ट को बताता है कि प्लेन, रनवे की सेंट्रल लाइन के साथ अलाइन है या नहीं. जबकि ILS का ग्लाइडर पाथ कंपोनेंट एयरक्राफ्ट को वर्टिकल गाइडेंस देता है, जिसके तहत ऊंचाई जैसी चीजें आती हैं.

सूत्र के मुताबिक ऑपरेशंस के लिए ILS को लागू करने के पहले 20 परीक्षण किए जाएंगे. इन परीक्षणों के दौरान सेफ लैंडिंग के लिए सिग्नल एक्यूरेसी, लैटरल और वर्टिकल गाइडेंस एक्यूरेसी टेस्ट की जाएगी.

एक एयरपोर्ट ऑफिशियल ने बताया कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैलीब्रेशन टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है.

अदाणी ग्रुप द्वारा डेवलप किए जा रहे नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में पांच चरणों में काम हो रहा है. इसकी पैसेंजर हैंडलिंग कैपेसिटी 9 करोड़ यात्री/सालाना होगी. पहले चरण के तहत सालाना 2 करोड़/यात्री कैपेसिटी को खोला जाएगा.

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