अदाणी ग्रुप ने अपने डायरेक्टर्स के खिलाफ अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (DoJ) और अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर US-SEC के आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हुए उन्हें ‘निराधार' बताया है और किसी भी गैरकानूनी या गलत काम से साफ इनकार किया है.
अदाणी ग्रीन एनर्जी और उसके निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के जवाब में, अदाणी ग्रुप ने एक बयान जारी किया है. इसमें जोर दिया गया कि DoJ के बयानों के अनुसार, ‘अभियोग में लगाए गए आरोप अभी तक केवल आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है.'
जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद ही कहा है, 'अभी ये सिर्फ आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं'. कंपनी हर संभव कानूनी सहारा लेगी.प्रवक्ता, अदाणी ग्रुप
अदाणी ग्रुप ने स्टेकहोल्डर्स ये भी आश्वासन दिया कि कंपनी इन आरोपों के जवाब में सभी उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा लेगी. अदाणी ग्रुप ने अपने सभी ऑपरेशंस में गवर्नेंस, पारदर्शिता और रेगुलेटरी अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया है.
अदाणी समूह ने हमेशा उन सभी देशों के गवर्नेंस, पारदर्शिता और रेगुलेटरी नियमों का पालन किया है जहां-जहां उसका बिजनेस है. हम अपने सभी स्टेकहोल्डर्स, पार्टनर्स और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम कानून का पालन करने वाला लोग और संगठन हैं और ये सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है.प्रवक्ता, अदाणी ग्रुप
आरोपों में दम नहीं!
भारत में अदाणी ग्रुप की सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट से संबंधित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों सहित कुछ अन्य आरोपों को अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से दायर अभियोग और SEC की ओर से दीवानी शिकायत के हिस्से के रूप में सार्वजनिक किया गया था.
इन आरोपों में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए अवैध लेन-देन के आरोप शामिल हैं, जिसमें भारत के सबसे बड़े सोलर एनर्जी प्लांट के विकास से जुड़े आरोप भी शामिल है. अदाणी ग्रुप के मुताबिक, तमाम आरोप निराधार हैं.
US डॉलर बेस्ड बॉन्ड से पूंजी नहीं जुटाएगी कंपनी
हालिया घटनाक्रमों के बाद अदाणी ग्रीन एनर्जी ने US डॉलर बेस्ड बॉन्ड पेशकश के साथ फिलहाल आगे नहीं बढ़ने का फैसला लिया है. यानी प्रस्तावित डॉलर बॉन्ड के जरिये कंपनी फिलहाल पूंजी नहीं जुटाएगी.
ये कदम अदाणी ग्रीन की सहायक कंपनी के 600 मिलियन डॉलर की वैल्यू के बॉन्ड जारी करने के बाद उठाया गया है, जिसे 3 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.
अदाणी ग्रीन के इस फैसले के कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट और अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर US SEC ने कंपनी और इसकी सहायक कंपनियों और निदेशक मंडल के खिलाफ कथित तौर पर आरोप लगाए.
US डॉलर बेस्ड बॉन्ड पेशकश के साथ फिलहाल आगे नहीं बढ़ने के फैसले के पीछे, मौजूदा समय में चल रही कानूनी कार्यवाही को प्राथमिक कारण बताया गया.