अदाणी ग्रुप की लगातार ग्रोथ कर रही कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के आगे भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2029 तक कंपनी का हाइयर ग्रोथ गाइडेंस, ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली के अनुमान से अधिक है.
ब्रोकरेज, अदाणी पोर्ट्स के स्टॉक को लेकर 'ओवरवेट' बना हुआ है. बुधवार को एक नोट में, मॉर्गन स्टैनली ने कंपनी के लिए टारगेट प्राइस को पिछले क्लोजिंग प्राइस से 13.41% की अपसाइड के साथ 1,517 रुपये/शेयर रखा है.
अनुमान से ज्यादा ग्रोथ!
कंपनी ने वित्त वर्ष 2029 तक 1,000 मिलियन टन कार्गो वॉल्यूम का टारगेट रखा है, जो कि मॉर्गन स्टैनली के 713 MT के अनुमान से 40% ज्यादा है. कंपनी के सभी पोर्ट्स पर बिजनेस एक्टिविटीज बढ़ाने की संभावना है. कंपनी खास तौर पर उन पोर्ट्स पर फोकस करने वाली है, जिनका हाल के कुछ वर्षों में अधिग्रहण किया गया है.
ब्रोकरेज ने बुधवार को एक नोट में कहा कि अदाणी पोर्ट्स केरल में विझिंजम पोर्ट और श्रीलंका में वेस्ट कंटेनर टर्मिनल में ऑपरेशन शुरू सकता है.
उम्मीद से ज्यादा आय का लक्ष्य!
अदाणी पोर्ट्स वित्त वर्ष 2029 तक 65,500 करोड़ रुपये के कंसोलिडेटेड रेवेन्यू की उम्मीद कर रहा है, जो मॉर्गन स्टैनली के अनुमान से 25% अधिक है. वित्त वर्ष 2029 के लिए इसका लॉजिस्टिक्स रेवेन्यू गाइडेंस ब्रोकरेज के गाइडेंस से 188% अधिक है.
ट्रकिंग सेगमेंट से ग्रोथ में तेजी आने की उम्मीद है. मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि ट्रकिंग और कंटेनर-रेक रेवेन्यू, कुल रेवेन्यू में दो-तिहाई योगदान देगा.
ब्रोकरेज ने कहा कि एग्रीकल्चर, लॉजिस्टिक्स, बल्क ट्रेन, वेयरहाउसिंग में ग्रोथ से एबिटा मार्जिन को सपोर्ट मिलने की संभावना है.
अहम प्वाइंट्स
मॉर्गन स्टैनली ने 1,517 रुपये/शेयर के अनचेंज्ड टारगेट प्राइस के साथ अदाणी पोर्ट्स पर 'ओवरवेट' रेटिंग बनाए रखी है.
टारगेट प्राइस, बुधवार के क्लोजिंग प्राइस से 13.41% की बढ़त का संकेत देता है.
सप्लाई-चेन डायवर्सिफिकेशन और भारत में बढ़ते कंजप्शन से अदाणी पोर्ट्स को लाभ पहुंचेगा, ऐसे में मॉर्गन स्टैनली ने बुल-केस सेनारियो को ज्यादा महत्व दिया है.
स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स और लॉजिस्टिक्स बिजनेस के लिए 5% की टर्मिनल ग्रोथ रेट.
अपसाइड रिस्क:
उम्मीद से ज्यादा तेज वॉल्यूम ग्रोथ, लॉजिस्टिक्स से मजबूत अर्निंग ग्रोथ, मजबूत फ्री कैश फ्लो और वैल्यू-एक्रेटिव अधिग्रहण.
डाउनसाइड रिस्क:
मैक्रो या माइक्रो फैक्टर्स, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैल्यू-डिलेटिव अधिग्रहण और निरंतर अवधि के लिए प्रमुख पोर्ट्स पर बढ़ते टैरिफ कंपीटिशन के चलते उम्मीद से कम वॉल्यूम ग्रोथ. रिलेटेड पार्टी एक्सपोजर में कोई बढ़ोतरी या इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग में गिरावट.