CRISIL के समिट में बोले गौतम अदाणी- किसी भी इकोनॉमी के लिए इंफ्रा डेवलपमेंट काफी अहम, 2050 तक हम 30 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनेंगे

गौतम अदाणी ने समझाया कि किस तरह सड़क, पुल, रेल, पोर्ट जैसे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर रिवॉल्‍यूशन किसी इकोनॉमी को ताकतवर बनाती है.

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अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने क्रिसिल (CRISIL) के एनुअल इंफ्रास्ट्रक्चर समिट में कहा कि इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर किसी भी इकोनॉमी का मूल आधार है. उन्‍होंने अपने संबोधन में देश के विकास की मौजूदा रफ्तार पर चर्चा करते हुए उम्‍मीद जताई कि हम 2050 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेंगे. इसमें निश्चित तौर पर इंफ्रा डेवलपमेंट का अहम रोल होगा.

मुंबई में क्रिसिल की ओर से आयोजित 'INFRASTRUCTURE – THE CATALYST FOR INDIA'S FUTURE' कार्यक्रम में गौतम अदाणी 'द इंफ्रा मैन ऑफ इंडिया' के तौर पर प्रमुख वक्‍ता थे.

उन्‍होंने रोमन साम्राज्‍य और ब्रिटिश शासन से लेकर चीन और फिर भारत के इंफ्रा डेवलपमेंट का उदाहरण देते हुए समझाया कि किस तरह सड़क, पुल, रेल, पोर्ट जैसे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर रिवॉल्‍यूशन किसी इकोनॉमी को ताकतवर बनाती है. उन्‍होंने ये भी समझाया कि इसके लिए बेहतर शासन, बेहतर सरकार और बेहतर नीतियों की जरूरत होती है.

इकोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण रहा उदारीकरण

गौतम अदाणी ने इकोनॉमी के लिए उदारीकरण को महत्‍वपूर्ण बताया. उन्‍होंने कहा, 'दिवंगत प्रधानमंत्री PV नरसिम्हा राव और तत्‍कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह के समय में देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई थी, जिसे LPG रिफॉर्म्‍स (Liberalisation Privatisation and Globalisation) के रूप में जाना जाता है. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण, इन सुधारों ने देश की इकोनॉमी में एक महत्वपूर्ण दौर लाया. ये देश की इकोनॉमी के लिए टर्निंग पॉइंट था. सरकार ने ज्यादातर सेक्टर्स को लाइसेंस राज से मुक्त कर दिया. इसने निवेश करने, क्षमता बढ़ाने और कीमतें तय करने के लिए सरकार की मंजूरी को खत्म कर दिया.'

उदारीकरण से पहले के तीन दशकों में भारतीय GDP करीब 7 गुना बढ़ी, जबकि उदारीकरण के बाद के तीन दशकों में हमारी GDP करीब 14 गुना बढ़ी. इन आंकड़ों को देखने के बाद उदारीकरण की शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

उन्होंने कहा, 'उदारीकरण ने 1991 से 2014 तक विकास की रफ्तार के लिए बुनियाद तैयार की, इसका रनवे तैयार किया, जिस पर 2014 से 2024 के बीच इकोनॉमी टेक-ऑफ कर रही है.'

गौतम अदाणी ने कहा, 'इस टेकऑफ का सबसे बड़ा उदाहण NIP यानी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन कार्यक्रम है. इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र में फंडिंग को बांटा गया है. NIP के तहत FY20-25 के बीच देश में 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य है. ये दिखाता है कि सरकार कैसे देश में एनर्जी, लॉजिस्टिक्स, वॉटर, एयरपोर्ट और सोशल इंफ्रा के 9,000 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकती है.'

एनर्जी और डिजिटल इंफ्रा में बड़े मौके

गौतम अदाणी ने कहा, 'एनर्जी ट्रांजिशन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में ट्रिलियन डॉलर के मौके हैं. इस मौके का फायदा उठाते हुए भारत अपने साथ दुनिया की सूरत भी बदल सकता है. अदाणी इन दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमान पर निवेश कर रहा है.'

उन्होंने बताया, 'अगले दशक में हम एनर्जी ट्रांसमिशन में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करेंगे. इसके साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी के वैल्यू चेन का विस्तार करते हुए ग्रीन एनर्जी के लिए जरूरी कंपोनेंट में अपने निवेश को बढ़ाएंगे. मुझे भरोसा है कि हम दुनिया में सबसे सस्ते ग्रीन इलेक्ट्रॉन को प्रोड्यूस करेंगे. ये कई सेक्टर्स के लिए सस्टेनेबिलिटी के निर्देशों को मानने में मददगार साबित होंगे.'

'UPI ने बदला फाइनेंशियल इकोसिस्टम'

गौतम अदाणी ने कहा, 'सरकार ने UPI के जरिए देश के फाइनेंशियल इकोसिस्टम को पूरी तरह बदल दिया है. इस सिस्‍टम ने फाइनेंशियल सर्विसेज तक पहुंच, बहुत आसान कर दी है और जिनके पास बैंक अकाउंट्स नहीं थे, उन्‍हें भी डिजिटल इकोनॉमी में पार्टिसिपेट करने की अनुमति दी है.'

उन्‍होंने कहा, 'हालांकि इसे केवल पेमेंट सिस्‍टम नहीं, बल्कि प्रोडक्टिविटी के फायदे और इकोनॉमी फॉर्मलाइजेशन के मामले में भी UPI के फायदे कहीं ज्‍यादा बड़े हैं. इसने फिनटेक कंपनियों को रफ्तार दी, सब्सिडी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन को व्‍यवस्थित किया और पारदर्शिता बढ़ाई है. इन सुधारों ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.'

'दुनिया को AI सर्विसेज देंगे हम'

गौतम अदाणी ने कहा, 'हमारे डाटा सेंटर के पास देश का सबसे बड़ा ऑर्डर बुक है. हम अपने सभी बिजनेसेज के लिए इंडस्ट्रियल क्लाउड प्रोडक्ट्स बनाएंगे और उसे बाजार में लेकर जाएंगे. हम अपने विशाल क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर ऑपरेशन को मैनेज करने के अनुभव को देखते हुए ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी साइबर सिक्योरिटी मुहैया भी करा रहे हैं.'

सुपर ऐप पर काम चल रहा है, इससे हम सीधे कंज्यूमर से जुड़े सभी बिजनेसेज का फायदा उठा सकेंगे.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

उन्‍होंने कहा, 'हम अब अतिरिक्त ग्रीगावॉट के ग्रीन AI डाटा सेंटर्स लगाने पर बातचीत कर रहे हैं. हम इसे डिलीवर करने के लिए एकदम सही दिशा में काम कर रहे हैं. आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस लैब्स के जरिए इस क्षेत्र में भारत के एक्सपर्टीज और अनुभव का फायदा उठाते हुए दुनिया को AI सर्विसेज देंगे और हमारे डाटा सेंटर्स इस डिजिटल क्रांति के लिए आधार बनेंगे.'

गौतम अदाणी के पूरे संबोधन का अवसान काफी प्रभावी रहा, जिसमें उन्‍होंने ये साबित किया कि एक भारतीय होने पर गर्व करने के लिए इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा.

भारतीय होने के लिए सबसे बेहतर समय

गौतम अदाणी ने कहा, 'हमारा लोकतंत्र 76 साल पुराना है. हमें 1 ट्रिलियन डॉलर की GDP तक पहुंचने में 58 साल लगे, अगले पड़ाव यानी 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 12 साल लगे और तीसरे पड़ाव यानी GDP के 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में केवल 5 साल लगे.'

आगे वे बोले, 'जिस गति से भारत आगे बढ़ रहा है और जिस तरह से सरकार सामाजिक और आर्थिक सुधारों को लागू कर रही है, उसे देखते हुए मेरा अनुमान है कि अगले दशक के भीतर भारत हर 12 से 18 महीने में अपनी GDP में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा. इस रफ्तार से हम 2050 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर आगे बढ़ेंगे.'

'2050 तक $40 ट्रिलियन+ होगा मार्केट कैप'

गौतम अदाणी ने कहा, 'भारतीय इक्विटी मार्केट कैप, 2012 से 8% से अधिक CAGR से बढ़ने के बाद 21 मई को 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया. इस रफ्तार को मानते हुए उम्‍मीद है कि भारतीय लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2050 तक 40 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू लेगा.

उन्‍होंने कहा, 'इसका प्रभावी अर्थ निकाला जाए तो अगले 26 वर्षों में भारत अपने शेयर मार्केट कैप में संभावित रूप से 36 ट्रिलियन डॉलर जोड़ लेगा. कोई भी अन्य देश इस तरह की संभावना के पैमाने के करीब भी नहीं है.'

मैं हम सभी के लिए एक तस्वीर पेश करता हूं. एक पल के लिए कल्पना करें कि आप एक विशाल महासागर के किनारे खड़े हैं और हमारे सपने सागर के उस पार दूर किनारे पर हैं. पानी कभी-कभी अशांत होता है. फिर भी, हम यहां हैं, इसे पार करने के लिए पुल बनाने के लिए तैयार हैं.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

उन्होंने कहा, 'हमारी उम्मीदें, हमारा आशावाद और हमारा विश्वास, हमारी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साथ काम करती हैं क्योंकि हम भारत को उसके पूर्ण गौरव पर वापस लाने के लिए मिलकर काम करते हैं. इसलिए मैं कहता हूं- भारतीय होने का इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा.''

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