सरकार ने मंगलवार को फूड डिलीवरी, क्विक-कॉमर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने गिग वर्कर्स का ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने जोमैटो, स्विगी और जेप्टो जैसे प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स को ये आदेश दिया है.
इससे सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का लाभ वर्कर्स को सुनिश्चित हो पाएगा, जबकि एग्रीगेटर्स भी लाभार्थियों का सही रजिस्ट्रेशन मेंटेन कर पाएंगे.
सर्विस सेक्टर में अस्थायी तौर पर काम करने वालों और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए वस्तुओं की डिलीवरी करने वालों को गिग वर्कर कहा जाता है.
हर वर्कर को मिलेगा यूनिवर्सल अकाउंट नंबर
कंपनियों को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के साथ एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें डेटा अपडेट करने सहित एग्रीगेटर्स की जिम्मेदारियों को बताया गया है.
रजिस्ट्रेशन के बाद प्लेटफॉर्म वर्कर्स को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलेगा, जिसके जरिए वे अहम सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स को एक्सेस कर पाएंगे.
कंपनियों को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग के तहत उनकी जिम्मेदारियां बताई गई हैं, इनमें कंपनियों के डेटा का रेगुलर अपडेट भी शामिल है.
कोई भी वर्कर अगर छोड़ता है, तो उसकी सूचना तुरंत देनी होगी, ताकि सही रिकॉर्ड मेंटेन किया जा सके.
प्रक्रिया के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी समस्या के समाधान के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन (14434) भी स्थापित की गई है.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया भी इस मामले पर बुधवार को प्रमुख प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स के साथ बैठक करने वाले हैं.
कुछ एंटिटीज ने गिग वर्कर्स की खराब वर्किंग कंडीशंस की शिकायत भी की थी, साथ ही हाल में क्विक कॉमर्स मॉडल्स का किराना स्टोर्स पर पड़ रहे बुरे असर की भी चर्चा की थी. इस महीने की शुरुआत में फोरम फॉर प्रोग्रेसिव गिग वर्कर्स ने क्वालिटी चेक्स में कमी के चलते कर्मचारियों की खराब हालत पर कॉमर्स मिनिस्ट्री को खत लिखा था.