जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises Ltd.) के साथ सोनी ग्रुप का मर्जर अब खत्म हो गया है, सोनी ग्रुप (Sony Group) ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि जी ग्रुप के साथ मर्जर के एग्रीमेंट को खत्म कर दिया है.
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (Sony Pictures Networks India Pvt.), जिसे अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट लिमिटेड कहा जाता है, सोनी ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. सोनी ने सोमवार को जी के साथ किए गए निश्चित समझौतों (definitive agreements) को खत्म करने के लिए एक नोटिस जारी किया.
मर्जर अंतिम तारीख तक पूरा नहीं हुआ: सोनी
सोनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक मर्जर अंतिम तारीख तक पूरा नहीं हुआ, क्योंकि अन्य बातों के अलावा, तब तक समापन की शर्तें पूरी नहीं हुई थीं.
सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट की तरफ से जारी बयान के मुताबिक
'कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (CME) ने आज जी एंटरटेनमेंट को ZEEL और CME के विलय के लिए 22 दिसंबर, 2021 के समझौते को खत्म करने का नोटिस जारी किया है.
सोनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक 'हालांकि हम मर्जर को-ऑपरेशन एग्रीमेंट के तहत आखिरी तारीख बढ़ाने के लिए 'सद्भावना चर्चा' में लगे हुए थे, हम 21 जनवरी की समय सीमा तक विस्तार पर सहमत नहीं हो सके. दो साल से ज्यादा की बातचीत के बाद, हम बेहद निराश हैं कि विलय की समापन शर्तें आखिरी तारीख तक पूरी नहीं हुईं.'
'हम इस जीवंत और तेजी से बढ़ते बाजार में अपनी मौजूदा को बढ़ाने और भारतीय दर्शकों को विश्व स्तरीय मनोरंजन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
जी ने कहा, कानूनी रास्ता तलाशेंगे
इधर जी एंटरटेनमेंट की तरफ एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि सोनी की तरफ से मर्जर को-ऑपरेशन एग्रीमेंट को खत्म करने की चिट्ठी मिली है. जी ने बताया कि सोनी ने जी पर मर्जर एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाकर 90 मिलियन डॉलर की टर्मिनेशन फीस मांगी है. जी ने मर्जर एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन करने और टर्मिनेशन फीस के सोनी के सभी दावों को ठुकराते हुए कहा कि वो इसके खिलाफ कानूनी रास्ता तलाश रहे हैं.
ये भगवान का संकेत है: पुनीत गोयनका
जी एंटरटेनमेंट के CEO पुनीत गोयनका ने X पर लिखा है कि - जैसे ही मैं आज प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर के लिए सुबह-सुबह अयोध्या आया, मुझे संदेश मिला कि जिस डील की कल्पना करने और काम करने में मैंने दो साल बिताए हैं, वो मेरी सर्वोत्तम और सबसे ईमानदार कोशिशों के बावजूद विफल हो गया है.
मैं मानता हूं कि ये भगवान का संकेत है. मैं सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने और भारत की अग्रणी M&E कंपनी को उसके सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए मजबूत करने की दिशा में काम करने का संकल्प लेता हूं.
डील पर क्यों सहमति नहीं बनी?
दिसंबर 2021 में हुए निश्चित समझौते में, किसी भी पक्ष को दो साल की चर्चा अवधि के अंत तक इस तरह के एक्सटेंशन पर सहमत होने में असमर्थ होने पर लिखित नोटिस देकर डील को खत्म करने का विकल्प देते हैं.
इस महीने की शुरुआत में ऐसी खबरें थी कि मर्जर के बाद कंपनी को पुनीत गोयनका लीड करेंगे, सोनी ग्रुप इंडिया इस बात को लेकर नाराज थी और इसलिए डील को कैंसिल करना चाहती थी.
बीते हफ्ते खबर आई थी कि जी और सोनी (Zee-Sony Group) के बीच 10 बिलियन डॉलर मर्जर पर फैसला करने के लिए सोनी ने बोर्ड बैठक बुलाई थी. हालांकि जी ने कहा कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है.
पिछले हफ्ते तक मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें थी कि सोनी 'गुड फेथ डिस्कशन' (Good faith discussions) को खत्म करने के लिए एक रेजोल्यूशन पास कर सकता है, यानी इस विलय को रद्द कर दिया जाएगा, अगर जी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO पुनीत गोयनका इस बात पर सहमत नहीं हो जाते हैं कि वो विलय के बाद बनी कंपनी में मौजूदा पद पर नहीं बैठेंगे.
Zee ने दिसंबर में एक्सटेंशन की मांग की थी. इसके बाद खबर आई थी कि सोनी विलय की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है. दरअसल पेंच नई कंपनी में लीड कौन करेगा, इस मुद्दे पर फंसा था. मुख्य प्लान के मुताबिक, पुनीत गोयनका को नई एंटिटी में मैनेजिंग डायरेक्टर बनना था. लेकिन जून 2023 में पुनीत गोयनका और सुभाष चंद्रा के किसी भी कंपनी के बोर्ड में मेंबर बनने को लेकर SEBI ने प्रतिबंध लगा दिया था.