स्पाइसजेट को राहत! प्रोमोटर स्पाइस हेल्थकेयर को शेयर्स बेचने के लिए SEBI ने दी नियमों में छूट

SEBI के नियमों के मुताबिक एक फाइनेंशियल ईयर में 5% से ज्यादा वोटिंग राइट्स के अधिग्रहण में ओपन ऑफर लाना जरूरी होता है. लेकिन स्पाइसजेट को इससे छूट मिली है.

प्रतीकात्मक फोटो

SEBI ने शुक्रवार को स्पाइसजेट में शेयर और वोटिंग राइट्स अधिग्रहण के लिए स्पाइस हेल्थकेयर को कुछ नियमों में छूट दी है. दरअसल कंपनी मैंडेटरी ओपन ऑफर की शर्त को बायपास कर एयरलाइन में अतिरिक्त इक्विटी का अधिग्रहण चाहती है.

स्पाइस हेल्थकेयर का मालिकाना हक स्पाइसजेट के प्रोमोटर अजय सिंह के पास है. कंपनी ने 6 दिसंबर 2023 को SEBI से टेकओवर रेगुलेशंस में छूट की मांग के साथ आवेदन किया था.

SEBI के नियमों के मुताबिक एक फाइनेंशियल ईयर में 5% से ज्यादा वोटिंग राइट्स के अधिग्रहण में ओपन ऑफर लाना जरूरी होता है.

दरअसल स्पाइसजेट गंभीर वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रही है. कोविड के दौरान मामला और ज्यादा खराब हो गया था. इससे निपटने के लिए स्पाइस हेल्थकेयर समेत प्रोमोटर्स ने कंपनी में प्रिफरेंशियल शेयर्स और वारंट्स के जरिए 200 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

स्पाइस हेल्थकेयर ने 101.97 करोड़ रुपये में 3.41 करोड़ इक्विटी शेयर्स सब्सक्राइब किए थे. बाद में 13.14 करोड़ वारंट की खरीद के जरिए 98.03 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था. वारंट 29.84 रुपये/शेयर के रेट पर इश्यू किए गए थे.

SEBI से कहा गया कि इस अधिग्रहण से स्पाइसजेट की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और एयरलाइनट को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत जरूरी शर्तों को पूरा करने में मदद मिलेगी. इसके जरिए यस बैंक और इंडियन बैंक से 200 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया गया.

छूट की शर्तें

  • एक वित्त वर्ष में स्पाइस हेल्थकेयर द्वारा वोटिंग राइट्स के अधिग्रहण पर 5% की सीमा तय की गई है.

  • वारंट के कंवर्जन द्वारा हासिल शेयर्स का लॉकइन पीरियड 24 महीने के लिए होगा (SEBI गाइडलाइन के हिसाब से 18 महीने, यहां 6 महीने एक्स्ट्रा).

  • स्पाइस हेल्थकेयर को SEBI (लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशंस 2015 का पालन सुनिश्चित करना होगा और साथ ही न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25% बरकरार रखनी होगी.

  • प्रस्तावित अधिग्रहण को कंपनीज एक्ट, 2013 के सभी नियमों का पालन करना होगा.

  • अधिग्रहण पूरा होने के 21 दिन के भीतर स्पाइस हेल्थकेयर को SEBI में रिपोर्ट करना होगा.

  • एक बार जब वारंट कंवर्ट हो जाएंगे, उसके बाद स्पाइस हेल्थकेयर का स्पाइसजेट में शेयर 4.36% से बढ़कर 18.1% हो जाएगा. ओवरऑल प्रोमोटर ग्रुप की होल्डिंग मौजूदा 48.27% से बढ़कर 55.7% पर पहुंच जाएगी. जबकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग 44.3% पर पहुंच जाएगी.

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