टाटा संस के FY24 नेट प्रॉफिट में 33% का उछाल, जानें क्या है बड़ी वजह?

वित्त वर्ष के दौरान इन्वेस्टमेंट की बिक्री से कंपनी की अन्य आय 19,902.42 करोड़ रुपये रही.

Source: Tata Sons company website

टाटा संस (टाटा ग्रुप की प्रमुख होल्डिंग कंपनी) ने मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए नेट प्रॉफिट में 33% का उछाल दर्ज किया है.

नेट प्रॉफिट में उछाल पूरी तरह से 'अन्य आय' से आई है. इस 'अन्य आय' का स्रोत टाटा समूह की कंपनियों, विशेष रूप से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के डिविडेंड से है.

वित्त वर्ष के दौरान इन्वेस्टमेंट की बिक्री से आय 19,902.42 करोड़ रुपये रही. पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान, टाटा संस को TCS के बायबैक में हिस्सा लेने से ₹10,548.34 करोड़ मिले और मार्च 2024 में कंपनी ने सेकेंडरी मार्केट सेल से ₹9,000 करोड़ से अधिक जुटाए.

टाटा संस की लिस्टिंग पर सवाल?

टाटा संस की लिस्टिंग से बचने के लिए टाटा ग्रुप ने खुद को धीरे-धीरे डी-लीवरेज करना शुरू कर दिया है. कंपनी ने टाटा कैपिटल में एक्सपोजर कम कर दिया है ताकि लिस्टिंग से बच सके. टाटा कैपिटल में कैपिटल एक्सपोजर घटने का मतलब ये हो सकता है कि टाटा संस लिस्टिंग की जरूरत से बच सकती है, बशर्ते RBI इसे मंजूरी दे.

FY24 के अंत में, कंपनी ने उधार को कम करने के लिए डिविडेंड और शेयरों की बिक्री से मिले पैसों का उपयोग किया.

टाटा संस एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी है, इसने साल के दौरान RBI को कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी के रूप में रजिस्ट्रेशन और नॉन-रजिस्टर्ड CIC के रूप में जारी रखने के लिए आवेदन किया है.

इस साल टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ने टाटा कैपिटल में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट निवेश को घटाकर शून्य कर दिया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7,496.46 करोड़ रुपये था. टाटा संस ने केवल पैनाटोन फिनवेस्ट और टाटा इंडस्ट्रीज में निवेश किया था, जिसमें कुल डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कैपिटल योगदान उनके फंड के 10% से कम है. टाटा कैपिटल 1 जनवरी, 2024 से CIC नहीं रह गया.

इसके अलावा, कंपनी ने साल के दौरान बैंक उधारों सहित सभी उधारों का भुगतान कर दिया है. मार्च 2023 के अंत में इसकी 20,273 करोड़ रुपये की उधारी थी. इसका भुगतान FY24 के दौरान किया गया था.

कंपनी के प्रमुख निवेश

टाटा संस ने ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में 11,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है. कंपनी ने अतिरिक्त 2,141 करोड़ रुपये टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) में और 850 करोड़ रुपये अग्रतास एनर्जी (Agratas Energy) में निवेश किए. इसके अलावा, फ्लैगशिप आर्म ने पिछले वित्त वर्ष में एयर इंडिया के प्रेफरेंस शेयरों में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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