"अफरातफरी में बैंक की ओर न भागें, आपके पास 4 महीने हैं...", 2000 रुपये का नोट चलन से बाहर होने पर RBI गवर्नर की सलाह

2016 की नोटबंदी के बाद मची अफरातफरी के बाद इस बार भी पिछली बार की तरह कुछ लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यह साफ है कि इस बार रोक तुरंत प्रभाव से नहीं लगाई गई है और इस बार 2000 रुपये के नोट पर आगामी तारीख को रोक लगाई जाएगी. ऐसे में इतनी चिंता की बात नहीं है. लोगों को यही बात समझाने के लिए आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुद मीडिया के सामने आकर कई बातों को साफ किया. उन्होंने मीडिया के कई सवालों का जवाब दिया.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास.

2016 की नोटबंदी के बाद मची अफरातफरी के बाद इस बार भी पिछली बार की तरह कुछ लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यह साफ है कि इस बार रोक तुरंत प्रभाव से नहीं लगाई गई है और इस बार 2000 रुपये के नोट पर आगामी तारीख के बाद प्रचलन पर रोक लगाई जाएगी. ऐसे में इतनी चिंता की बात नहीं है. लोगों को यही बात समझाने के लिए आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुद मीडिया के सामने आकर कई बातों को साफ किया. उन्होंने मीडिया के कई सवालों का जवाब दिया.

ये करेंसी मेनेजमेंट ऑपरेशन है
आरबीआई गवर्नर ने 2000 के नोट के प्रचलन से बाहर करने के मुद्दे पर साफ किया कि ये करेंसी मेनेजमेंट ऑपरेशन है, पहले भी होता रहा है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. उन्होंने बताया कि 2013-14 में भी 2005 से पहले छपे नोटों को बदला गया था. हम भी वापस ले रहे हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि हम इसे प्रचलन से वापस ले रहे हैं, ये लीगल टेंडर बना रहेगा.

क्यों लाए गए और क्यों हटाए गए
2000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे इस सवाल के जवाब में दास ने कहा कि  ये पैसा की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता लाने के लिए लाया गया था.  तब 500-1000 के नोट हटाए गए थे और बाजार में नोटों का अभाव हो गया था. अब इसे क्यों हटाया जा रहा है के सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपये के नोट हायर वैल्यू ऑफ करेंसी थी. धीरे-धीरे इसका सर्कुलेशन 50 प्रतिशत से नीचे आ गया. इसकी प्रिंटिंग रोक दी गई थी. इन नोटों का लाइफ साइकिल भी पूरा हो चुका था. 
 

30 सितंबर तक  का समय क्यों
करेंसी मैनेजमेंट करने के लिए एक प्रक्रिया होती है. 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय दिया गया है. तारीख इसलिए दी गई है ताकि लोग इसे गंभीरता से लें. शक्तिकांत दास ने कहा कि लोग बैंकों में दौड़कर न जाएं. आराम से बैंक जाएं, अपना समय लें. अभी चार महीने हैं. हम देखेंगे के कितने नोट वापस आए. हम बैंकों के जरिए यह मॉनिटर कर रहे हैं.  
 

बैंकों में भीड़ न लगाएं

सबसे बड़ी बात जो शक्तिकांत दास ने कही कि इस बार लोगों के पास 4 महीने का समय है. यह जरूरी नहीं है कि सभी लोग जल्दी ही बैंक में पहुंच जाएं और भीड़ लगाएं. अच्छा होगा कि धीरे-धीरे अपने समय के अनुसार लोग नोट बदली के लिए बैंक में जाएं. 

जो विदेश में हैं उनकी समस्या भी देखेंगे

 दास ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं उन्हें यह आश्वासन देना  चाहता हूं कि जो भी दिक्कत होगी, हम समझेंगे और जो भी हमारे पास समस्या आएगी हम उसका समाधान करेंगे. कोई भी शिकायत होगी. हम उसे देखेंगे.

लीगल टेंडर बना रहेगा 2000 का नोट

करेंसी हटेगी तो लीगल टेंडर कैसे रहेगा सवाल के जवाब में आरबीआई के प्रमुख ने कहा कि हम यह सोचते हैं कि 30 सितंबर तक हम देखेंगे कि कितने नोट वापस आते हैं फिर हम तय करेंगे. हम उम्मीद करते हैं ज्यादातर नोट वापस आ जाएंगे.

ब्लैकमनी कैसे पता चलेगी

ब्लैकमनी- कैसे पता चलेगी के प्रश्न के जवाब में शक्तिकांत दास ने कहा कि करेंसी नोट कैश में बदलते हैं तो बैंक में एक गाइडलाइन है बैंक उसे फॉलो करेंगे. 
 

नहीं बन पाए डुप्लीकेट नोट

बाजार में डुब्लीकेट नोट के प्रश्न पर शक्तिकांत दास ने कहा कि हाई वैल्यू नोट के सिक्यूरिटी फीचर अभी तक ब्रीच नहीं हुए हैं. फेक नोट केवल फोटोकॉपी ही रहे हैं.

बदले जा चुके हैं कई एटीएम

एटीएम में बदलाव किए जाने के सवाल के जवाब में शक्तिकांत दास ने कहा कि बाजार में 2000 रुपये के नोट की मांग नहीं थी. कई बैंकों ने अपने एटीएम में बदलाव कर लिया था. 
 

करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम मजबूत

दास ने कहा कि इंडियन करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम मजबूत है. डॉलर के साथ एक्सचेंज रेट मजबूत बना हुआ है. बाहरी मुद्राओं का हाल खराब हुआ है. 

लिक्विडीटी के हिसाब से काम होता है

क्या बाजार में नोटों की कमी तो नहीं होगी के प्रश्न के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई देखती है कि बाजार में कितनी लिक्वीडिटी है. उसी हिसाब से काम करते हैं. 3.62 लाख करोड़ रुपये 2000 के नोट बाजार में हैं जो ज्यादातर नोट वापस आने की उम्मीद है.. कल से नोट बदलना आरंभ होगा. उसके बाद देखेंगे.
 

काफी मात्रा में नोटों को छपा कर रखा गया है

नोटों की बाजार में होने वाली संभावित कमी के प्रश्न के जवाब में आरबीआई प्रमुख ने कहा कि  हमारे पास काफी नोट पहले से प्रिंट करके तैयार रखे गए हैं. जरूरत के हिसाब से कदम उठाएंगे. कोई चिंता की बात नहीं है. पर्याप्त मात्रा नोट उपलब्ध हैं.
 

20 हजार की लिमिट क्यों

20 हजार की लिमिट पर उन्होंने कहा कि 2013-14 में जब पुराने नोटों को वापस करने की बात हुई थी. तब भी 10 नोट जमा करने की बात हुई थी. इस बार भी वही किया गया है. 

बैंकिंग व्यवस्था पर कोई असर नहीं है

उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा. लिक्विडिटी पर्याप्त है, हमारे सिस्टम लेवल पर काफी लिक्विडिटी है. कुछ बैंकों के पास ज्यादा पैसा है कुछ के पास कम... हम अरेंजमेंट करेंगे.
 

1000 का नोट वापस नहीं आएगा

क्या 1000 रुपये वापस आएगा. इस सवाल के जवाब में दास ने कहा कि अभी कोई प्रपोजल नहीं है. 

मौसम को ध्यान में रखते हुए बैंक करेंगे इंतजाम

आरबीआई का बैंकों को निर्देश दिया है कि आम जनता को काउंटर पर ₹2000 के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जो कि पहले प्रदान की जा रही थी. बैंकों को सलाह दी जाती है कि गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए शाखाओं में छायादार प्रतीक्षालय, पीने के पानी की सुविधा आदि जैसी उचित अवसंरचना उपलब्ध कराएं.

बैंक डाटा बनाएंगे

उन्होंने  कहा कि बैंक ₹2000 के नोटों के जमा और विनिमय पर दैनिक डेटा बनाए रखेंगे.

चलन पहले ही हो चुका था कम

आरबीआई गवर्नर ने  कहा  कि  पहले भी छोटी दुकानों ने कभी भी 2000 रुपए के नोट स्वीकार नहीं किए गए. उन्होंने डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दी. 2,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की अनिच्छा थी. यह अब बढ़ सकता है, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर के बाद वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे. लेकिन इसे प्रचलन से बाहर किया गया है.

बैंक को अपनी पुरानी प्रक्रिया को नोट बदलने के दौरान फॉलो करना होगा

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि (इस सवाल पर कि अगर एक्सचेंज के लिए आईडी की जरूरत नहीं है तो वे काले धन की निगरानी कैसे करेंगे) हमने बैंकों से उनकी मौजूदा प्रक्रिया का पालन करने को कहा है. हमने उन्हें कुछ अलग करने के लिए नहीं कहा है.
 

लेखक NDTV Profit Desk
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