ब्रिटेन (UK) और यूरोपीय संघ (EU) के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर इस हफ्ते महत्वपूर्ण बातचीत संभावित है. इस दौरान केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी और शीर्ष नेताओं की मुलाकात होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नया टैरिफ आदेश, इस चर्चा को और भी अहम बना रहा है.
ये चर्चा करीब आठ महीने बाद हो रही है, क्योंकि दोनों देशों में चुनाव और UK में राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसे रोक दिया गया था.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और UK के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स सोमवार को मुलाकात करेंगे. इस बैठक में FTA की 15वीं दौर की बातचीत होगी. इस बैठक में वीजा नियमों में सुधार, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर टैरिफ, शराब, वित्तीय सेवाओं और व्यावसायिक सेवाओं पर चर्चा होगी.
भारत-EU व्यापार समझौते पर भी अहम बैठक
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी इस शुक्रवार को यूरोपीय संघ (EU) के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविच और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात करेंगे. इस बैठक में भारत-EU FTA की 10वीं दौर की बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा. भारत और यूरोप के बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जब भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर भी बातचीत कर रहा है.
भारत-UK व्यापार संबंध और संभावनाएं
वर्तमान में, भारत और UK दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं. दोनों देशों के बीच 41 अरब पाउंड (₹4.3 लाख करोड़) का व्यापार होता है. प्रस्तावित ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत की कुछ मांगें हैं.
IT और हेल्थकेयर सेक्टर के कुशल पेशेवरों के लिए UK में अधिक वर्क वीजा.
भारतीय उत्पादों के लिए UK में शून्य कस्टम ड्यूटी पर बाजार तक पहुंच.
UK को सबसे ज्यादा निर्यात होने वाले प्रॉडक्ट्स
खनिज ईंधन
मशीनरी
कीमती रत्न
दवाएं
कपड़े
लोहा और इस्पात
रसायन
इन उत्पादों का कुल निर्यात में 68.7% योगदान है.
UK की प्रमुख मांगें
व्हिस्की, EVs, लैंब मीट, चॉकलेट और कन्फेक्शनरी आइटम्स पर आयात शुल्क में कटौती.
भारतीय टेलीकॉम, कानूनी और वित्तीय क्षेत्रों में UK की कंपनियों के लिए अधिक अवसर.
कार्बन टैक्स पर भारत की आपत्ति
भारत इस व्यापार वार्ता के दौरान यूरोपीय संघ के 'कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म' (CBAM) पर भी अपनी चिंता जाहिर करेगा. भारत को डर है कि उच्च कार्बन टैक्स की वजह से FTA से होने वाले लाभ कम हो सकते हैं. इस हफ्ते की यह बैठक भारत, UK और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को नया रूप देने में मदद कर सकती है.