स्वेज़ नहर इकोनॉमिक ज़ोन में भारत को खास जगह देगा मिस्र, भारतीय निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास

स्वेज़ नहर (Suez Canal Economic Zone) भारतीय व्यापार के लिए भी काफी महत्व रखती है. इसके माध्यम से प्रतिदिन ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले कुल 4.8 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से प्रतिदिन 500,000 बैरल कच्चा तेल भारत भेजा जाता है.

स्वेज़ नहर को मिस्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसका वैश्विक कंटेनर व्यापार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की यात्रा से पहले मिस्र ने यह घोषणा की है कि वह स्वेज नहर इकोनॉमिक ज़ोन (Suez Canal Economic Zone) के भीतर भारत के लिए एक स्पेशल स्लॉट की पेशकश करेगा. प्रधानमंत्री मोदी 24-25 जून को मिस्र की यात्रा पर हैं. खास बात ये है कि 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा किया जाने वाला यह पहला मिस्र दौरा होगा. इस दौरान स्वेज नहर दोनों देशों को लेकर होनेवाली चर्चाओं का प्रमुख एजेंडा होगा.

मिस्र अपने स्वेज नहर ज़ोन को भारतीय व्यवसायों के लिए एक प्रमुख निवेश संभावना के रूप में देख रहा है.आपको बता दें कि स्वेज़ नहर भूमध्य सागर को लाल सागर और हिंद महासागर से जोड़ने वाले दुनिया के प्रमुख स्ट्रैटजिक चोक प्वॉइंट में से एक है. स्वेज़ नहर को मिस्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसका वैश्विक कंटेनर व्यापार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

स्वेज़ नहर भारतीय व्यापार के लिए भी काफी महत्व रखती है. इसके माध्यम से प्रतिदिन ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले कुल 4.8 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से प्रतिदिन 500,000 बैरल कच्चा तेल भारत भेजा जाता है. स्वेज़ नहर ज़ोन (SCZONE) के डेवलपमेंट एक्सिस में कई इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक सेक्टर शामिल हैं.

लेखक NDTV Profit Desk