HDFC बैंक (HDFC bank) के CEO (CEO) शशिधर जगदीशन ने कहा कि बैंक को हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से मेगा मर्जर में कुछ खराब कर्ज भी मिले हैं.
नॉन-रिटेल पोर्टफोलियो में भी कुछ कमियां हैं. लेकिन इसका मुनाफे पर ज्यादा असर नहीं होगा. बैंक की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद विश्लेषकों से बात करते हुए जगदीशन ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि HDFC की लोन बुक में कुछ ऐसे अकाउंट्स हैं जो आने वाले दिनों में NPA बन सकते हैं.
HDFC बैंक का ग्रॉस नॉन परफार्मिंग एसेट रेश्यो 1.17% से बढ़कर 1.34% हो गया है. पिछले महीने बैंक के डिस्क्लोजर के मुताबिक मर्जर के बाद 1 जुलाई तक बैंक का ग्रॉस NPA 1.41% पर था. जगदीशन के अनुसार, NPA में बढ़ोतरी अकाउंटिंग नियमों के चलते भी हुई है. उन्होंने बताया की 'नियमों के मुताबिक, अगर किसी खाते को रीस्ट्रक्चर किया जाता है तो भले ही वो अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो उसे NPA में शामिल करना होगा. कंपनी के CFO श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने 1.34% NPA में से करीब 0.22% अकाउंटिंग कारणों से NPA बने हैं.
कंस्ट्रक्शन फाइनेंस पोर्टफोलियो पर जगदीशन ने कहा कि ये HDFC बैंक के मॉर्टगेज बिजनेस का एक अहम हिस्सा है. उन्होंने कहा कि 'हम आने वाले दिनों में कंस्ट्रक्शन फाइनेंस बिजनेस को तेजी से बढ़ते हुए देखेंगे. इससे आमदनी बढ़ाने और मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी'.
30 सितंबर को बैंक का मुनाफा 15,976 करोड़ रुपये था. ये पिछले साल के दूसरी तिमाही के मुकाबले 50.6% अधिक है. हालांकि मर्जर के कारण नतीजों की तुलना नहीं की जा सकती.
जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंक की ब्याज से शुद्ध आय या कोर इनकम 27,385 करोड़ रुपये रही, कुल लोन बढ़कर 23.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 4.9% अधिक है. तिमाही आधार पर कुल जमा राशि 5.3% बढ़कर 21.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
हालांकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन 30 जून को 4.1% से घटकर 3.4% रह गया. ये गिरावट मुख्य रूप से HDFC के फंड की ज्यादा लागत के चलते आई है.