नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने IDFC फाइनेंशियल होल्डिंग्स का IDFC के साथ मर्जर को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब इस संयुक्त यूनिट का IDFC फर्स्ट बैंक में विलय हो जाएगा. ये जानकारी IDFC ने बुधवार को एक्सचेंज में दी है.
बता दें, मई में IDFC फर्स्ट बैंक के अधिकांश शेयरधारकों ने बैंक के साथ IDFC के मर्जर को मंजूरी दे दी थी. दिसंबर 2023 में RBI ने IDFC के अपनी बैंकिंग सहायक कंपनी, IDFC फर्स्ट बैंक के साथ रिवर्स मर्जर को मंजूरी दे दी थी. जुलाई 2023 में IDFC फाइनेंशियल होल्डिंग्स, IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने तीनों कंपनियों के विलय को मंजूरी दे थी.
क्या-क्या बदलेगा?
रिवर्स मर्जर योजना के तहत, IDFC के ऐसे शेयरधारक जिनके पास IDFC के 100 शेयर हैं, उन्हें IDFC फर्स्ट बैंक में 155 शेयर मिलेंगे. इस मर्जर के बाद IDFC फर्स्ट बैंक में IDFC की हिस्सेदारी खत्म हो जाएगी. IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक, दोनों के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है.
2014 में RBI ने IDFC बैंक को कमर्शियल बैंकिंग का लाइसेंस दिया था. 2018 में IDFC बैंक और कैपिटल फर्स्ट ने IDFC फर्स्ट बैंक बनाने के लिए मर्जर पूरा किया था.
बधवार को लगातार दूसरे ट्रेड सेशन में IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक के शेयरों में गिरावट आई, जिसमें IDFC 0.9% की गिरावट के साथ 109.87 रुपये पर बंद हुआ. IDFC फर्स्ट बैंक 0.9% की गिरावट के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 73.02 रुपये पर बंद हुआ.