बायजूज इंसॉल्वेंसी केस में नया मोड़, अमेरिकी लेंडर्स ने कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स से हटाने को दी चुनौती

लेंडर्स की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कमिटी में उनका वोटिंग शेयर वैल्यू के हिसाब से 99.41% है, लेकिन अंतरिम रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव ने उन्हें वोटिंग से डिस्क्वालिफाई कर दिया है.

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अमेरिका में बेस्ड लेंडर्स ने बायजूज (Byju's) की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न लिमिटेड की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स से खुद को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है. उनका प्रतिनिधित्व ग्लास ट्रस्ट LLC ने किया और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की. लेंडर्स की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स में उनका वोटिंग शेयर वैल्यू के हिसाब से 99.41% है, लेकिन अंतरिम रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव ने उन्हें वोटिंग से डिस्क्वालिफाई कर दिया है.

लेंडर्स की ओर से क्या कहा गया?

सिब्बल ने कहा कि हमारा वोटिंग शेयर 99% से घटकर 0% हो गया है और जिस क्रेडिटर के पास 0.18% हिस्सेदारी है, उसका वोटिंग शेयर अब 100% कर दिया गया है.

ग्लास ट्रस्ट को 3 सितंबर को CoC से हटाया गया था. इसके लिए उसे ये वजह दी गई थी कि कुछ दस्तावेजों को अंतरिम रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल को नहीं सौंपा गया था. सुप्रीम कोर्ट आज यानी 18 सितंबर को मामले पर सुनवाई जारी रखेगा.

14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल की बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया और बायजूज के बीच सेटलमेंट को मंजूरी पर रोक लगा दी थी. ये मामला 158 करोड़ रुपये के बकाया से जुड़ा था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब था कि इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया नहीं रुकेगी और जारी रहेगी.

NCLAT ने सेटलमेंट को दी थी मंजूरी

इस महीने की शुरुआत में NCLAT ने बायजूज के BCCI के साथ सेटलमेंट को मंजूरी दी थी, जिससे इंसॉल्वेंसी प्रोसेस खत्म हो गई थी. सेटलमेंट के मुताबिक बायजूज BCCI के साथ अपने कर्ज का सेटलमेंट करने के लिए प्रतिबद्ध है.

भुगतान 2 और 9 अगस्त को किया जाएगा. सेटलमेंट को मंजूरी देते हुए NCLAT ने कहा था कि अगर भुगतान समय पर नहीं होते हैं, तो इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा.

अमेरिका में आधारित लेंडर्स इस सेटलमेंट का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि बताए जा रहे सेटलमेंट के लिए इस्तेमाल किए गए पैसे को उनसे लिया गया था और उसके स्रोतों पर सवाल हैं. बायजूज के खिलाफ इंसॉल्वेंसी की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी. एडटेक कंपनी ने BCCI को 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान पर डिफॉल्ट किया था.

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