नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद बेंच ने जेनसोल इंजीनियरिंग को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है. ये आदेश IREDA यानी इंडियन रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड की याचिका पर शुक्रवार को दिया गया.
NCLT के आदेश के बाद कंपनी की औपचारिक रूप से कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में एंट्री हो चुकी है.
हालांकि, अब तक कंपनी के लिए अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) का नाम तय नहीं हुआ है. ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया है कि इस भूमिका के लिए किसी को नियुक्त किया जाएगा, लेकिन ये नियुक्ति इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) के पैनल से होगी.
IREDA ने सुझाया था IRP का नाम, लेकिन...
IREDA ने अपनी याचिका में एक IRP का नाम सुझाया था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने उस व्यक्ति की नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया. इसके बजाय, NCLT की बेंच द्वारा किसी अन्य उपयुक्त प्रोफेशनल का चयन किया जाएगा.
ये मामला रिन्युएबल एनर्जी फाइनेंसिंग क्षेत्र में कार्यरत IREDA और इंजीनियरिंग, परामर्श व EPC सेवाएं प्रदान करने वाली जेनसोल इंजीनियरिंग के बीच वित्तीय विवाद से जुड़ा है.
अब आगे की प्रक्रिया में IRP की नियुक्ति के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन कर समाधान योजना बनाई जाएगी. इस आदेश के साथ ही जेनसोल के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की आधिकारिक शुरुआत हो गई है.