Happy Raksha Bandhan: इस साल 12,000 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा राखी का कारोबार: CAIT

इस रक्षा बंधन स्थानीय स्तर पर बनी राखियों से बाजार पटे पड़े हैं, जो देश भर के शहरों में कई अलग अलग आर्ट फॉर्म्स को दर्शाती हैं.

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आज रक्षाबंधन है, भाई-बहनों का त्योहार. हर त्योहार की तरह इसका भी एक बड़ा बाजार है. वो भी कोई छोटा मोटा नहीं, कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक रक्षा बंधन त्योहार पर 2024 में करीब 12,000 करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद है. CAIT का कहना है कि अब कई वर्षों से केवल स्वदेशी राखियां ही बेची जा रही हैं और इस साल भी बाजार में चीनी राखियों की कोई मांग या मौजूदगी नहीं है.

चीन नहीं स्वदेशी राखियों की मांग

CAIT के नेशनल जनरल सेक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि राखी की बढ़ती मांग को देखते हुए त्योहार के दौरान कारोबार पिछले साल के 10,000 करोड़ रुपये के मुकाबले 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. इसका मतलब ये है कि एक साल में 20% की ग्रोथ देखने को मिलेगी.

बीते कुछ वर्षों से राखी से हुए बिजनेस की तुलना करें तो, 2022 में राखी का कारोबार लगभग 7,000 करोड़ रुपये था, जबकि 2021 में 6,000 करोड़ रुपये, 2020 में 5,000 करोड़ रुपये, 2019 में 3,500 करोड़ रुपये और 2018 में 3,000 करोड़ रुपये था.

इस रक्षा बंधन स्थानीय स्तर पर बनी राखियों से बाजार पटे पड़े हैं, जो देश भर के शहरों में कई अलग अलग आर्ट फॉर्म्स को दर्शाती हैं. इनमें नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर की सांगानेरी कला राखी, पुणे की बीज राखी, मध्य प्रदेश के सतना की ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी, असम की चाय पत्ती राखी सहित अन्य शामिल हैं.

CAIT को उम्मीद है कि इस त्योहारी सीजन में भारतीय मूल के उत्पादों की बिक्री लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. एसोसिएशन ने एक प्रेस रिलीज में कहा, देश भर के व्यापारी केवल भारतीय सामान बेच रहे हैं, क्योंकि उपभोक्ता भी अब भारतीय उत्पादों की मांग कर रहे हैं.