SPMEPCI Scheme: सरकार ने भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल (EV Passenger) की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए स्कीम की गाइडलाइंस को जारी किया है. इससे EV पैसेंजर व्हीकल के सेगमेंट में ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स से नए निवेश आने की संभावना है.
मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज (MHI) ने भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल के 'मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना (SPMEPCI, Scheme to Promote Manufacturing of Electric Cars in India) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है.
ग्लोबल मैप पर आएगा भारत
इस योजना के जरिए ग्लोबल EV बनाने वाली कंपनियां ज्यादा से ज्यादा निवेश करेंगी, जिससे भारत को ई-वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल मैप पर आने में मदद मिलेगी. देश में रोजगार पैदा होंगे और 'मेक इन इंडिया' के टारगेट को जल्द ही हासिल किया जा सकेगा.
पॉलिसी में क्या है खास?
भारत सभी ग्लोबल कार मैन्युफैक्चरर्स के लिए फ्लैगशिप EV पॉलिसी लाएगा
मर्सिडीज-बेंज, VW-स्कोडा, हुंडई-किआ ने रुचि दिखाई
भारत को उम्मीद नहीं है कि टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग करेगी
टेस्ला भारत में रिटेल कारों के लिए केवल दो शोरूम खोलेगी
भारत में मौजूदा परिचालन वाले आवेदकों को नई EV असेंबली लाइन के लिए $500 मिलियन खर्च करने होंगे
चार्जिंग इंफ्रा के लिए होने वाली लागत को ईवी निवेश में गिना जाएगा, जिसकी सीमा 5% है
चीन के लिए भारत की मौजूदा FDI पॉलिसी नई EV पॉलिसी के लिए आवेदन करने वाले चीनी कार निर्माताओं पर लागू होगी
भारत में आयात की जाने वाली टेस्ला कारें किस देश से आएंगी इसपर कोई स्पष्टता नहीं
UK FTA केवल ICE वाहनों के लिए लागू है, EV के लिए नहीं
'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' योजनाओं को मिलेगी ताकत
डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन के टारगेट को पूरा करके ये योजना 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' योजनाओं को और बढ़ावा देगी, साथ ही वैश्विक और घरेलू दोनों कंपनियां भारत की ग्रीन मोबिलिटी रिवॉल्यूशन अपना अहम योगदान दे पाएंगी.