कमजोर तिमाही नतीजों के बीच भारतीय शेयरों में 'सुधार' देखने को मिल रहा है: क्रिस वुड

वुड ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने हाल ही में बेहतर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है.

Source: NSE

जेफरीज (Jefferies) के क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने अपने नए 'ग्रीड एंड फियर' नोट में कहा है कि भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बाद अब कुछ करेक्शन यानी कुछ गिरावट दिख रही है. इस करेक्शन का बाजार के सबसे महंगे सेगमेंट्स पर ज्यादा असर हुआ है.

वुड ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच प्राइवेट बैंकों ने हाल ही में बेहतर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है.

जेफरीज की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, ये करेक्शन दूसरी तिमाही के कमजोर अर्निंग नतीजों के चलते आया है, जिसमें 2020 की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है.

ब्रोकरेज फर्म ने अपने कवरेज वाली 98 कंपनियों में से 60% से अधिक के लिए FY25 की अर्निंग अनुमान में कटौती की है.

जेफरीज ने कहा, 'सामान्य से अधिक बारिश और सरकारी खर्च में कमी ने कंपनियों की आय को प्रभावित किया है. दिसंबर तिमाही में एक स्पष्ट प्रवृत्ति उभरनी चाहिए, लेकिन कुछ आंतरिक मंदी की संभावना है.'

जेफरीज को अब निफ्टी फिस्कल अर्निंग/ शेयर के 10% की ग्रोथ की उम्मीद है. जेफरीज ने कहा, ये साइक्लिकल (चक्रीय) मंदी के प्रभाव को दर्शाता है.

वुड ने एक नोट में कहा कि भारत के स्माल और मीडियम कैप शेयरों में बड़ा करेक्शन देखा गया है, क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स और निफ्टी मिडस्मॉल कैप 400 इंडेक्स अपने सितंबर के हाई लेवल से 10.2% और 9.7% नीचे हैं.

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, 27 सितंबर से अब तक ग्लोबल फंडों ने भारतीय शेयर बाजार में 1.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं. इसी अवधि के दौरान घरेलू संस्थान 1.33 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के खरीदारी की है. नोट में कहा गया है कि घरेलू इक्विटी म्यूचुअल फंड में मजबूत फ्लो जारी है, जबकि इक्विटी में कुल घरेलू फ्लो अभी भी बढ़ती सप्लाई से आगे चल रहा है.

बर्नस्टीन रिसर्च ने पिछले नोट में कहा कि भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में चार साल से ज्यादा समय में सबसे खराब सेशन देखने को मिल रहा है. लेकिन अभी उसमें उतनी गिरावट नहीं आई है जितनी देखने को मिल सकती थी. ब्रोकरेज को उम्मीद है निफ्टी में मौजूदा स्तर से आगे भी गिरावट रहेगी, हालांकि ये सीमित होगी. निफ्टी 23,500 तक आ सकता है, जो उसका साल के आखिर का टारगेट है.

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