Vodafone Idea AGR Dues: टेलीकॉम मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया बोले- 'सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है'

इस टिप्पणी के कारण मंगलवार को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई है.

Source: NDTV Profit

सरकार ने अभी तक वोडाफोन आइडिया के AGR बकाया (Vodafone Idea AGR Dues) पर कोई निर्णय नहीं लिया है और वो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी. ये बात भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने NDTV प्रॉफिट के साथ इंटरव्यू के दौरान कही है.

सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र भारत के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन AGR मुद्दे पर हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना होगा.

वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट

केंद्रीय मंत्री की इस टिप्पणी ने कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी के लिए राहत की उम्मीदों को धूमिल कर दिया है. कंपनी AGR बकाया को चुकाने के लिए आसान शर्तों की मांग कर रही है.

इस टिप्पणी के कारण मंगलवार को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई है.

19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की लंबित AGR बकाया पर राहत मांगने वाली नई याचिकाओं को खारिज कर दिया था. जस्टिस JB पारदीवाला और R महादेवन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये मुद्दा कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. बेंच ने वोडाफोन आइडिया के वकील से कहा था कि हमें पक्ष न बनाएं.

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वोडाफोन आइडिया ने तर्क दिया कि उसने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है और कहा कि कर्ज को इक्विटी में बदलने के बाद अब सरकार के पास कंपनी का लगभग 50% हिस्सा है. अदालत ने जवाब दिया कि सरकार फर्म का समर्थन करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उसे न्यायपालिका द्वारा बाध्य नहीं किया जा सकता है.

दूरसंचार विभाग ने 29 अप्रैल को लिखे पत्र में दोहराया कि वो सुप्रीम कोर्ट के 2020 के फैसले का हवाला देते हुए AGR बकाया पर और रियायतों पर विचार नहीं कर सकता. इसने वोडाफोन आइडिया को 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने के माध्यम से आंशिक राहत की ओर इशारा किया, जिससे सरकार की हिस्सेदारी 49% हो गई है.

भारी कर्ज के बोझ से जूझ रही वोडाफोन आइडिया गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है. कंपनी ने पहले कहा था कि इसका बोर्ड 30 मई को फंड जुटाने के विकल्पों पर विचार करने और वित्तीय परिणामों को मंजूरी देने वाला था. इसमें में राइट्स इश्यू, पब्लिक ऑफर, प्राइवेट प्लेसमेंट या अन्य तरीके शामिल हैं.