Vodafone Idea AGR Dues: इस समय Vodafone-Idea अपने AGR के ड्यू को लेकर मुश्किलों से जूझ रही है. मामले के जानकार लोगों ने बताया है कि अगर सरकार एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के ड्यू अमाउंट में कुछ छूट देती है तो पब्लिक सेक्टर के बैंक कंपनी को लोन देने पर विचार कर सकते हैं.
AGR बकाया ₹83,000 करोड़ से ज्यादा
सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले पर स्थिति साफ होने पर बड़े सरकारी बैंक लोन के लिए आगे आ सकते हैं. अभी फिलहाल कंपनी पर AGR बकाया 83,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है, जिसमें से कंपनी ने सरकार से 45,000 करोड़ रुपये की छूट मांगी है. सरकार इस छूट को मंजूरी के साथ चुकाने का और समय दे दे तो फिर बैंक लोन के लिए तैयार हैं.
प्राइवेट सेक्टर के बैंक बना रहे हैं दूरी
लैंडर्स मानते हैं कि वोडाफोन-आइडिया की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और भविष्य के अनुमान पॉजिटिव लग रहे हैं, हालांकि AGR बकाया इसमें एक बड़ी समस्या बना हुआ है. मामले की सीधे तौर पर जानकारी रखने वाले एक बैंकर ने बताया कि सरकारी बैंक तो लोन देने के लिए तैयार हो सकते हैं, पर अभी प्राइवेट सेक्टर के बैंक इससे दूरी बनाए हुए हैं.
केंद्र सरकार टेलीकॉम सेक्टर में एकाधिकार से बचना चाह रही
मंगलवार को NDTV प्रॉफिट ने था कि सरकार वोडाफोन-आइडिया की वित्तीय समस्याओं को सुलझाने पर विचार कर रही है. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार टेलीकॉम सेक्टर में एकाधिकार से बचना चाहती है. सरकार दो या तीन समाधानों पर विचार कर रही है, जिसमें AGR बकाए को कम करने का प्रस्ताव भी शामिल है.
सरकार वोडाफोन-आइडिया की समस्या का समाधान खोज रही है क्योंकि अब वे भी कंपनी में 49% के हिस्सेदार हैं. साथ ही कंपनी का फेल होना भारतीय मार्केट के लिए नेगेटिव माहौल बना सकता है.