वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में एक लिखित जवाब में स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष 2025 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बंद करने का फैसला लिया गया है. सरकार ने ये फैसला सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के चलते लिया है. इससे बॉन्ड की बॉरोइंग कॉस्ट काफी बढ़ गई थी.
निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में ये भी कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने की जरूरत कम हो गई है.
उनका ये बयान राज्यसभा सांसद नारायण दास गुप्ता के सवालों के जवाब में आया है, जिन्होंने सरकार के इस कदम के पीछे के तर्क, कॉस्ट-बेनिफिट एनालिसिस और बंद करने से पहले स्वतंत्र समीक्षा की गई थी या नहीं, इस पर स्पष्टता मांगी थी. उन्होंने संशोधित SGB योजना या सोने के आयात पर अंकुश लगाने के विकल्पों और सोने की बढ़ती कीमतों से बचाव के लिए किए गए उपायों के बारे में भी सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाए थे.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत, अब तक कुल 67 किस्तों में 72,274 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें 146.96 टन सोने के बराबर बॉन्ड शामिल हैं. 20 मार्च तक, 130 टन सोने के लिए बकाया मूल्य 67,322 करोड़ रुपये था. सरकार ने सार्वजनिक खाते में एक स्वर्ण आरक्षित निधि बनाए रखी है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि समय के साथ मूल्य और ब्याज अंतर का प्रबंधन किया जा सके.
आखिरी बार फरवरी 2024 में गोल्ड बॉन्ड जारी किया गया था। ये योजना 2015 में सरकार द्वारा देश पर सोने के आयात के बोझ को कम करने के प्रयास में शुरू की गई थी. ताकि भारतीयों को सोने में निवेश करने का एक प्रॉक्सी और टैक्स-एफ्फिसिएंट तरीका दिया जा सके.