ओला इलेक्ट्रिक 2025 से गिग, S1 Z में इन-हाउस बैटरी सेल का करेगी इस्तेमाल

26 नवंबर को बेंगलुरु स्थित ऑटोमेकर ने चार कम कीमत वाले स्कूटर- ओला गिग, ओला गिग+, ओला S1 Z और ओला S1 Z+ लॉन्च किए.

Source : X/@bhash

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) ने 6 महीने से भी कम समय में अपने स्कूटरों को इन-हाउस मैन्युफैक्चर्ड सेल से पावर देने वाली पहली भारतीय EV मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बन जाएगी. भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अपने ओला गिग और ओला Z स्कूटरों को 4680 भारत सेल से पावर देगी, जिसका वर्तमान में तमिलनाडु के कृष्णागिरी में कंपनी की गीगाफैक्ट्री में चल रहा है.

'ओला इलेक्ट्रिक गिग और S1 Z 4680 भारत सेल वाले पहले प्रोडक्ट होंगे'

ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट किया, 'ओला इलेक्ट्रिक गिग और S1 Z 4680 भारत सेल वाले पहले प्रोडक्ट होंगे!! अप्रैल 2025 में आ रहे हैं.'

26 नवंबर को बेंगलुरु स्थित ऑटोमेकर ने चार कम कीमत वाले स्कूटर- ओला गिग, ओला गिग+, ओला S1 Z और ओला S1 Z+ लॉन्च किए. इन मॉडलों की कीमतें 39,999 रुपये, 49,999 रुपये, 59,999 रुपये और 64,999 रुपये (एक्स-शोरूम) है. इन मॉडलों में रिमूवेबल बैटरी हैं, जिन्हें खत्म होने पर बैटरी-स्वैपिंग टर्मिनल पर पूरी तरह चार्ज की गई बैटरी से बदला जा सकता है. ओला इलेक्ट्रिक अपने नए प्रोडक्ट्स के साथ शहरों में गिग इकोनॉमी वर्कर्स और ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को टारगेट कर रही है.

अगस्त में IPO से पहले 28 जून को एक इंटरव्यू में अग्रवाल ने NDTV प्रॉफिट को बताया था कि ओला इलेक्ट्रिक 2025 से सेल पर आत्मनिर्भर बनना चाहती है.

अग्रवाल ने तब कहा था, '4680 भारत सेल का ट्रायल प्रोडक्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुआ था. हम कमर्शियल प्रोडक्शन के लिए तैयार होने के लिए अगले छह से नौ महीनों में कई तरह की जांच से गुजर रहे हैं. तो, अगले साल की शुरुआत में...हमारे अपने सेल हमारे अपने वाहनों में आ जायेंगे.'

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भारत में फिलहाल कोई भी EV बैटरी सेल नहीं बनाई जाती है. इन्हें मुख्य रूप से चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किया जाता है. ये भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की लागत का लगभग एक तिहाई हिस्सा हैं.

इन-हाउस सेल डेवलप करने और बनाने की लागत के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी फायदा भी लाती है. अग्रवाल ने इंटरव्यू के दौरान कहा था, EV में सबसे बड़ा और सबसे महंगा घटक बैटरी है और यहीं से हमने चार साल पहले अपना खुद का सेल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया.

अग्रवाल ने कहा था, 'पिछले चार वर्षों में, हमने अपनी टेक्नोलॉजी को साबित करने के लिए एक लैब बनाई. अगला कदम गीगाफैक्ट्री था. जो 20 GWh फैसिलिटी बन जाएगी. जब हम अगले साल तक फेज 1 को पूरा कर लेंगे, तो हमारे पास उस समय तक खुद को सर्वे करने के लिए पर्याप्त क्षमता होगी, साथ ही संभावित रूप से अन्य वाहन निर्माताओं को भी बेच सकेंगे.'

ओला इलेक्ट्रिक के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 0.09% की गिरावट के साथ 98.45 रुपये/ शेयर पर कारोबार कर रहे थे, जबकि दोपहर 3:25 बजे बेंचमार्क निफ्टी में 0.08% की बढ़त थी.