OPEC+ ने 4,11,000 बैरल प्रति दिन (BPD) की बढ़ोतरी पर सहमति जताई है. डेलीगेट्स के मुताबिक, सऊदी अरब के नेतृत्व में प्रमुख देशों ने शनिवार को एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर सहमति व्यक्त की है. ये लगातार तीसरे महीने में ऑयल आउटपुट में ग्रोथ का संकेत देता है.
हालांकि, जुलाई में ग्रोथ के लिए आम सहमति थी. लेकिन, कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई. डेलीगेट्स ने बताया कि शनिवार की चर्चा के दौरान, रूस उन सदस्यों में शामिल था, जिन्होंने सप्लाई ग्रोथ में रोक लगाने की सिफारिश की थी.
अप्रैल में तेल की कीमत 4 साल के निचले स्तर 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गई थी. तब पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों ने पहली बार घोषणा की थी कि वे निर्धारित मात्रा से तीन गुना अधिक उत्पादन बढ़ाएंगे. इस दौरान मांग में कमी और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर ने पहले ही बाजार को अस्थिर कर दिया था.
इस रणनीति में बदलाव का असर भी दिख रहा है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं और केंद्रीय बैंकों को राहत मिली है, जो महंगाई से जूझ रहे हैं. लेकिन इससे OPEC और दुनिया भर के तेल उत्पादकों के लिए वित्तीय संकट पैदा हो गया है.
ब्रेंट वायदा 64 डॉलर/ बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के प्लान्स को पूरा करने के लिए सऊदी को 90 डॉलर से ऊपर की कीमतों की जरूरत है.