Patanjali Misleading Ads Case: बाबा रामदेव को आज भी नहीं मिली माफी! सुप्रीम कोर्ट ने कहा - एलोपैथी को नीचा न दिखाएं

पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापकों को कड़ी फटकार लगाई थी. हरिद्वार में मौजूद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए उत्तराखंड सरकार की भी खिंचाई की थी.

Source: NDTV Profit

Patanjali Misleading Ads Case: योग गुरु बाबा रामदेव को आज भी सुप्रीम कोर्ट से खाली हाथ लौटना पड़ा. भ्रामक विज्ञापन मामले पर पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अवमानना पर सप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को आज भी माफी नहीं दी. मामले की सुनवाई अब 23 अप्रैल होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आपको माफी क्यों दें?

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों और कोरोना के इलाज के दावों को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अवमानना से जुड़े मामले की जब सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस हिमा कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि जो कुछ आपने किया है, क्या उसके लिए आपको माफी दें. इस पर रामदेव ने कहा कि मैं इतना कहना चाहूंगा कि जो भी हमसे भूल हुई उसके लिए हमने बिना शर्त माफी मांगी है. जिस पर अदालत ने कहा कि लेकिन आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विज्ञापन भी दिए.

जस्टिस कोहली ने कहा - योग, आयुर्वेद भारत के लिए नया नहीं है, ये सदियों से चला आ रहा है, आप ये कैसे कह सकते हैं कि चिकित्सा की एक विशेष प्रणाली दूसरी से श्रेष्ठ है? जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि पतंजलि अच्छा काम कर रही है, लेकिन वो मेडिकल ट्रीटमेंट के दूसरे सिस्टम की आलोचना नहीं कर सकती है, उसे सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए.

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'दूसरी मेडिकल पद्धति की आलोचना नहीं कर सकते'

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव का फटकार लगाते हुए कहा कि आपने क्या सोचकर कोर्ट के आदेश के बावजूद विज्ञापन दिया भाषण भी दिया. महर्षि चरक के समय से आयुर्वेद चल रहा है. अपनी पद्धति के लिए दूसरे की पद्धति को खराब कैसे कह सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था. हमने 5000 से ज्यादा रिसर्च किए. आयुर्वेद में हमने मेडिसिन के स्तर पर रिसर्च की है. इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें इससे कोई मतलब नहीं है, हम हम आपके रवैए की बात कर रहे हैं.

आपको इसलिए बुलाया है कि आपने हमारे आदेशों की अवहेलना की है और आपने दूसरी दवा को खराब बताया. ये अंडरटेकिंग देने के बाद कि जनता के सामने कोई बयान नहीं दिया जाएगा, आप चिकित्सा की दूसरी प्रणालियों की निंदा कैसे कर सकते हैं?

हमें ये नहीं करना चाहिए था: बाबा रामदेव

जस्टिस कोहली ने कहा कि ऐसी बीमारियां, जिनका इलाज संभव नहीं है, कानूनी रूप से उनका प्रचार नहीं किया जा सकता है. आपकी ये हरकत गैर-जिम्मेदाराना है. बाबा रामदेव ने कहा कि हमें ये नहीं करना चाहिए था.

जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हम दोनों से समझना चाहते हैं कि आपकी बहुत गरिमा है.आपने योग के लिए बहुत कुछ किया है. योग के साथ- साथ आपने बहुत कुछ शुरू किया है. ये आप भी जानते हैं हम भी जानते हैं कि आपने जो शुरू किया है वो कारोबार है. सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव से कहा कि योग के लिए जो आपने किया है उसका सम्मान करते हैं. नेटवर्क प्रॉब्लम है ये मत समझिएगा कि ये हमारी तरफ से सेंपरशिप है.

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