लेंसकार्ट सॉल्यूशंस (Lenskart) ने टेमासेक और फेडिलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च कंपनी से 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं. इससे पिछले डेढ़ साल में कंपनी द्वारा जुटाई गई कुल फंडिंग करीब 1 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है.
इस ट्रांजैक्शन पर सेलिंग शेयरहोल्डर्स और लेंसकार्ट के एक्सलूसिव फाइनेंशियल एडवाइजर Avendus के मुताबिक इस निवेश (Investment) के बाद टेमासेक लेंसकार्ट में अपने मौजूदा निवेश को दोगुना करेगी. जबकि फेडिलिटी ने कंपनी में पहला निवेश किया है.
कंपनी की पिछले दो साल में अच्छी ग्रोथ
इस ट्रांजैक्शन के बाद लेंसकार्ट ने पिछले 18 महीनों में कैपिटल में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा जुटाए हैं. इससे ये दुनिया में सबसे बड़ी ग्रोथ स्टेज वाली फाइनेंसिंग में से एक बन गई है.
लेंसकार्ट पिछले दो सालों में मजबूत, ओमनीचैनल बिजनेस के तौर पर उभरकर सामने आया है. इससे कंपनी का ऑनलाइन और ऑफलाइन बिजनेस बढ़ा है. अब ये 2,500 से ज्यादा स्टोर्स का संचालन करती है जिसमें से 2,000 भारत में मौजूद हैं.
भारत के साथ पूरे एशिया पर कंपनी का फोकस
कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है. इसके साथ वो एशिया में अपनी अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी का भी तेजी से काम कर रही है. दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व पर भी कंपनी का फोकस है.
आईवियर कंपनी का FY23 में 3,788 करोड़ रुपये का टर्नओवर रहा है. रजिस्टरार ऑफ कंपनीज के साथ फाइल की गई फाइनेंशियल स्टेट्मेंट्स के मुताबिक इसमें FY22 के 1,502 करोड़ रुपये से 152% की बढ़ोतरी हुई है.
पीयूष बंसल की अगुवाई वाली कंपनी का घाटा FY23 में घटकर 63.7 करोड़ रुपये पर आ गया है. ये एक साल पहले यानी FY22 में 102.3 करोड़ रुपये था. उसका कर्मचारी पर खर्च 245 करोड़ से बढ़कर 718 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.