RBI रुपये को और फ्लेक्सिबल बनाने के लिए तैयार, करेंसी के किसी भी लेवल को नियंत्रित करने का लक्ष्य नहीं है: सूत्र

सूत्रों ने कहा कि RBI के पास किसी भी अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त भंडार है.

Source: Reuters/Canva

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये में फ्लेक्सिबल मूवमेंट के लिए तैयार है और करेंसी के किसी भी लेवल को नियंत्रित करने का लक्ष्य नहीं है. सूत्रों ने मंगलवार को NDTV प्रॉफिट को ये जानकारी दी है.

सूत्रों ने कहा कि RBI के पास किसी भी अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. उन्होंने कहा कि फिलहाल RBI डॉनल्‍ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने से पहले वेट एंड वॉच की स्थिति में है. ट्रंप ने इम्पोर्ट टैरिफ लगाने का वादा किया है, जिससे वैश्विक व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ट्रंप 20 जनवरी को व्हाइट हाउस का कार्यभार संभालेंगे.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर

रुपये के फ्लेक्सिबल रुख पर RBI के विचार करने की खबर ऐसे समय आई है जब करेंसी नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे कमजोर होकर 86.7 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है और पिछले दो दिनों में इसमें 70 पैसे से ज्यादा की गिरावट आई है.

पिछले महीने RBI में नेतृत्व में बदलाव हुआ है. शक्तिकांता दास छह साल के कार्यकाल के बाद पद से रिटायर हुए हैं. उनकी जगह संजय मल्होत्रा ​​को नियुक्त किया गया, जो एक नौकरशाह हैं.

उन्होंने केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने से पहले राजस्व सचिव के रूप में काम किया था. नए RBI गवर्नर के कार्यभार संभालने के बाद रुपये में गिरावट को एक समस्या के रूप में देखा गया है.

'अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 87 तक पहुंचने की उम्मीद'

2025 के मध्य तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 87 तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन वैश्विक घटनाक्रमों के कारण इसमें 'ओवरशूट' हो सकता है. NDTV प्रॉफिट से बात करते हुए नोमुरा होल्डिंग्स की MD और मुख्य अर्थशास्त्री (भारत और एशिया पूर्व- जापान) सोनल वर्मा ने ये बात कही है. वर्मा के मुताबिक, RBI ने अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन नीति में बदलाव किया है, जिससे रुपया कमजोर हुआ है.

उन्होंने कहा कि RBI की फॉरेन एक्सचेंज प्रबंधन रणनीति में कुछ बदलाव हुआ है. वे बहुत हैवी फॉरेन एक्सचेंज इंटरवेंशन की तुलना में करेंसी को थोड़ा और कमजोर होने दे रहे हैं, जो हमारे विचार से सही रणनीति है.