RBI MPC Meet: क्या इस बार भी ब्याज दरों पर लगेगा ब्रेक; क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? आज से बैठक शुरू

RBI गवर्नर शक्तिकांता दास की अध्यक्षता में 8 से 10 अगस्त तक चलने वाली 6 सदस्यों की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में ब्याज दरों पर फैसला लिया जाना है.

Source: Reuters

जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, हो सकता कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव न करे. RBI गवर्नर शक्तिकांता दास की अध्यक्षता में आज से 6 सदस्यों की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक शुरू हो गई है, जो कि 10 अगस्त तक चलेगी. इस बैठक में ब्याज दरों पर फैसला लिया जाना है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

PTI से बात करते हुए डॉ. बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर प्रोफेसर एन आर भानुमूर्ति ने कहा, 'खाद्य महंगाई के चलते रिटेल महंगाई बढ़ रही है, क्रेडिट की डिमांड अच्छी बनी हुई है, मुझे नहीं लगता कि RBI इससे कोई छेड़छाड़ करना चाहेगा. इसलिए संभव है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करे.'

भानुमूर्ति का मानना है कि RBI महंगाई की प्रकृति और उसके उतार-चढ़ाव को समझेगा और अक्टूबर की मॉनिटरी पॉलिसी में रिव्यू करने के बाद इस पर फैसला लेगा.

उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय फैक्टर्स के कारण मुझे लगा कि रिटेल महंगाई जो कि 5.5% के करीब होनी चाहिए, वो सीजनल बदलाव की वजह से प्रभावित हुई है और हम अगर इसे हटा दें, तो ये 4-4.5% के आस-पास आ जाएगी'

सिद्धार्थ सान्याल की प्रतिक्रिया

बंधन बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि इस बार आने वाली MPC बैठक को लेकर उत्सुकता बहुत बढ़ गई है.

सान्याल ने कहा 'पिछले वित्त वर्ष के अधिकतर मौकों पर बढ़ती ब्याज दरों के बीच अप्रैल और जून में ब्याज दरें जस की तस रहीं. गर्मी के महीनों में CPI महंगाई के 5% से कम रहने के कारण ये 'पॉज' सही भी साबित हुआ.'

महंगाई को काबू करने के लिए, मई 2022 से अप्रैल में पॉज लगाने तक, RBI ने शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट (रेपो) में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. जून में होने वाली MPC बैठक में भी RBI ने ब्याज दरें नहीं बढ़ाईं.

ग्लोबल सेंट्रल बैंकों ने बढ़ाईं दरें

हाल ही में, महंगाई फिर से बढ़ गई है और कई प्रमुख ग्लोबल सेंट्रल बैंक्स, जैसे फेडरल रिजर्व ने बढ़ती कीमतों के बीच ब्याज दरें बढ़ाने की शुरुआत कर दी है. सान्याल ने आगे कहा कि इससे आने वाले कुछ वक्त में मॉनिटरी सख्ती की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

हाल ही में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दरें 5.25-5.5% की रेंज में ला दी हैं, जो कि कई साल का उच्चतम स्तर है.

वहीं, यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने भी हाल ही में चौथाई परसेंट की बढ़ोतरी कर लेंडिंग रेट 3.75% पर ला दिया है.

'MPC की महंगाई पर कड़ी निगरानी रहेगी और आने वाले कुछ महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता', सान्याल ने कहा.

RBI की नजर कई घटनाओं पर

पंजाब एंड सिंध बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) स्वरूप कुमार साहा का कहना है कि RBI वैश्विक रुझानों सहित कई चीजों को ध्यान में रखता है. ऐसे में हाल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) जैसे कई केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखा जाएगा.

हालांकि साहा ने कहा, 'समग्र स्थितियों को देखते हुए, मेरा अनुमान है कि RBI रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बरकरार रखेगा. अगर वैश्विक हालात स्थिर रहते हैं तो ब्याज दर में अगली 2-3 तिमाहियों तक ऐसे ही रहने की संभावना है.

फिलहाल दरें स्थिर रहने की उम्मीद

LIC हाउसिंग फाइनेंस के MD त्रिभुवन अधिकारी का भी ये मानना है कि केंद्रीय बैंक MPC मीटिंग में ब्‍याज दरों को स्थिर रखेगा. उन्होंने कहा कि निकट अवधि में ब्याज दर स्थिर रहने की संभावना है.

यस बैंक (Yes Bank) के चीफ इकोनॉमिस्ट इंद्रनील पैन ने कहा कि टमाटर सहित सब्जियों की कीमतों में महंगाई के बावूजद दरों में बदलाव की संभावना नहीं है.

रिटेल महंगाई का फैक्टर

मौजूदा अगस्त तिमाही में रिटेल महंगाई 5% से नीचे रहने की संभावना है और कीमतों में बढ़ोतरी का बड़ा हिस्सा खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी से आएगा.

खाद्य की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते, जून में भारत की रिटेल महंगाई 3-महीने के उच्च स्तर 4.81% पर आ गई. हालांकि ये महंगाई अभी RBI के कम्फर्ट लेवल 6% के नीचे ही है.

इसके साथ ही, बाहरी फैक्टर में बैलेंस बेहतर हुआ है और हाल की महीनों में रुपये में भी लचीलापन आया है.

कुल मिलाकर, उम्मीद रखी जा सकती है कि RBI सतर्क रहेगा और महंगाई पर कड़ी नजर रखेगा, सान्याल ने जोड़ा.