हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बहाने से भारत में अदाणी ग्रुप के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेताओं की जांच होनी चाहिए. सरकार से ये मांग रखी है वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने. इसके पहले भी महेश जेठमलानी ने सरकार से ये अपील की थी कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में चीन की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए. इस बार उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखे पोस्ट के जरिए अदाणी ग्रुप पर हमलावर रहे नेताओं के चीन से कनेक्शन पता लगाने की मांग रखी है.
महेश जेठमलानी का मानना है कि इजरायल के हाइफा पोर्ट समेत कई स्ट्रैटेजिक ग्लोबल प्रोजेक्ट्स में अदाणी ग्रुप ने बोली जीती और चीन के हाथ से मौके निकल गए, जिस वजह से चीन ने बदले की भावना से रिपोर्ट पब्लिश कराई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि "चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ भारतीय नेता अदाणी ग्रुप की हाइफा पोर्ट की सफलता से बहुत दुखी दिखे. ये पोर्ट इंडिया, मिडिल ईस्ट और यूरोप के इकोनॉमिक कॉरिडोर-IMEC की सफलता के लिए एक रणनीतिक अधिग्रहण है जिसका उद्देश्य चीन की BRI-बेल्ट और रोड कॉरिडोर से कंपीट करना है."
महेश जेठमलानी ने आगे लिखा कि इसमें अमेरिका में चीन के लिए जासूसी विवाद में फंसे एक प्रभावशाली और अमीर चीनी-अमेरिकी की वजह से रिटेल निवेशकों को हुए भारी नुकसान और भारत में चीन का एजेंडा चलाने वालो की जांच का मामला भी शामिल है.
आपको बता दें कि शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें लगाए गए आरोपों को अदाणी ग्रुप ने तथ्यों के साथ निराधार बताया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की कमिटी से भी अदाणी ग्रुप को क्लीन चिट मिल चुकी है. दूसरी तरफ इस मामले में मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भी हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.