थम नहीं रही अजय सिंह और मारन के बीच लड़ाई, 1,323 करोड़ के दावे को स्पाइसजेट ने किया खारिज

स्पाइसजेट ने कहा, आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इन दावों पर रोक लगा दी है.

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एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) ने मंगलवार को काल एयरवेज (KAL Airways) और कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) के 1,323 करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दिया. एयरलाइन ने बताया कि मारन और काल एयरवेज की ओर से किए गए ये दावे कानूनी रूप से जायज नहीं हैं, साथ ही, आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाई कोर्ट भी इन दावों को खारिज कर चुका है.

कहानी 2015 की

ये किस्सा साल 2015 से शुरू होता है जब एक एग्रीमेंट में सन नेटवर्क और काल एयरवेज से जुड़े कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट में 58.46% हिस्सेदारी स्पाइसजेट के प्रोमोटर अजय सिंह को दी थी. इस एग्रीमेंट के मुताबिक, मारन और काल एयरवेज को प्रिफ्रेंशियल शेयर और वॉरंट मिलने थे, जो उन्हें कभी नहीं मिले.

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2018 में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने मारन के पक्ष में फैसला सुनाया. फैसले के मुताबिक, स्पाइसजेट के अजय सिंह को मारन को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया. हालांकि सबकुछ मारन के पक्ष में ही था ऐसा भी नहीं है, ट्रिब्यूनल ने मारन के 1,323 करोड़ रुपये के दावे को खारिज किया, जो उन्होंने डैमेज क्लेम के तौर पर मांगे थे.

इस हिसाब से स्पाइसजेट को 329 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और 250 करोड़ रुपये कैश में डिपॉजिट करने थे. 30 महीने में 12% की ब्याज दर के हिसाब से कुल 308 करोड़ रुपये कैश दिया जाना था और 270 करोड़ रुपये के कंपल्सरी रिडीमेबल प्रिफरेंशियल शेयर देने थे. ऐसा न होने की सूरत में स्पाइसजेट को 18% ब्याज के साथ ये राशि देनी थी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने पलटा फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट ने बीती 17 मई को सिंगल जज के फैसले को पलट दिया में जिसमें स्पाइसजेट को 270 करोड़ रुपये मारन को देने थे. इस फैसले के बाद स्पाइसजेट ने घोषणा की कि उसे मारन और काल एयरवेज से 450 करोड़ रुपये का रिफंड चाहिए.

बात आगे बढ़ी, काल एयरवेज और कलानिधि मारन ने सोमवार को एक बार फिर से 1,323 करोड़ रुपये का दावा दोहराया. दिल्ली हाई कोर्ट के ऑर्डर को चुनौती देने के लिए मारन और काल एयरवेज आगे की योजना बना रहे हैं.

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