टाटा ग्रुप, धोलेरा और असम में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगा: N चंद्रशेखरन

चंद्रशेखरन का कहना ​​है कि ग्रुप के पास 4 अलग-अलग प्रकार के बिजनेस हैं. सेमीकंडक्टर चिप भविष्य बनने जा रही है, क्योंकि आज की दुनिया में हर चीज टेक्नोलॉजी से चलती है.

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सेमीकंडक्टर बिजनेस में एंट्री कर रहा टाटा ग्रुप गुजरात के धोलेरा, असम और देश के अन्य स्थानों पर और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने की योजना बना रहा है. ये बात टाटा ग्रुप के चेयरमैन N चंद्रशेखरन ने NDTV प्रॉफिट से इंटरव्यू में कही है.

धोलेरा में फैब्रिकेशन फैसिलिटी

N चंद्रशेखरन ने एक ताइवानी कंपनी PSMC के साथ पार्टनरशिप की घोषणा के मौके पर बताया कि हम धोलेरा में फैब्रिकेशन फैसिलिटी बना रहे हैं. जिसमें पांच अलग-अलग तकनीकें होंगी. ये मुख्य रूप से धोलेरा में बेस्ड होगा. उन्होंने कहा कि हम असम में भी इसी तरह एक फैब्रिकेशन फैसिलिटी बना रहे हैं.

टाटा ग्रुप के एक ग्रीनफील्ड वेंचर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट ने गुजरात के धोलेरा में भारत की पहली सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने के लिए ताइवान की PSMC यानी पावरचिप मैन्युफैक्चरिंग सेमीकंडक्टर कंपनी के साथ साझेदारी की है. टाटा संस प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी और टाटा कंपनियों की प्रोमोटर है.

हालांकि चंद्रशेखरन का कहना ​​है कि ग्रुप के पास 4 अलग-अलग प्रकार के बिजनेस हैं. चिप भविष्य बनने जा रही है, क्योंकि आज की दुनिया में हर चीज टेक्नोलॉजी से चलती है.

आज की दुनिया में हर चीज टेक्नोलॉजी से चलती है : N चंद्रशेखरन

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में हर चीज टेक्नोलॉजी से चलती है. हम मोबाइल फोन, बिजली, मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज, इंडस्ट्रियल और कंज्यूमर जैसे हर चीज में ज्यादा सेमीकंडक्टर चिप्स देखेंगे, चाहे वो B2B हो या B2C.

उन्होंने कहा कि धोलेरा, गुजरात में हमारे प्लांट के पास 5 अलग-अलग टेक्नोलॉजी होंगी. उन्होंने कहा कि जो भी देश मजबूत इनोवेशन और ग्रोथ चाहता है. उसके लिए टेक्नोलॉजी एक बुनियादी प्लेटफॉर्म है. इससे एक इकोसिस्टम बनाने में मदद मिलेगी. क्योंकि बहुत सारी कंपनियों को इसकी आवश्यकता होगी.

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हर महीने 50,000 वेफर्स तक की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी

एग्रीमेंट के मुताबिक, PSMC गुजरात में भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-इनेबल्ड अत्याधुनिक ग्रीनफिल्ड फैब बनाने के लिए डिजाइन और कंस्ट्रक्शन में सहायता करेगा. ये गुजरात में फैब को टेक्नोलॉजीज और इंजीनियरिंग सपोर्ट के व्यापक पोर्टफोलियो के लिए लाइसेंस प्रदान करेगा. प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस फैब में हर महीने 50,000 वेफर्स तक की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी होगी और इसमें डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए नेक्स्ट-जनरेशन फैक्ट्री ऑटोमेशन कैपेबिलिटीज होंगी.

करीब 91,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ इस फैब यूनिटी से 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. धोलेरा के लिए टाटा समूह के मल्टी-फैब विजन से 1,00,000 से अधिक स्किल्ड नौकरियां पैदा होने का अनुमान है