दिग्गज IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) के खिलाफ अमेरिका की एक कोर्ट ने 194 मिलियन डॉलर के जुर्माने (Penalty) का भुगतान करने का फैसला सुनाया है. एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक DXC टेक्नोलॉजी कंपनी (पुराना नाम CSC) के केस में ये फैसला ट्रेड सिक्रेट्स के गलत इस्तेमाल को लेकर सुनाया है. दलास की अदालत ने कंपनी को कंपन्सेटरी दैमेजेज के तौर पर 56 मिलियन डॉलर और एक्सेम्पलरी डैमेजेज के तौर पर 112 मिलियन डॉलर के भुगतान का आदेश दिया है.
कंपनी पर ये आरोप लगा
कोर्ट ने ये भी आकलन किया कि कंपनी को 13 जून तक 25 मिलियन डॉलर का प्रीजजमेंट इंट्रेस्ट देना है. यानी ये फैसला काफी पहले आ गया था और कंपनी ने इसके खिलाफ कोर्ट में अर्जी दी थी. इस दौरान हर्जाने की रकम पर ब्याज भी कंपनी को देना होगा.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक TCS को डिफेंड ट्रेड सिक्रेट्स एक्ट, 2016 के तहत ट्रेड सिक्रेट के गलत इस्तेमाल के लिए भुगतान करना होगा.
TCS ने अपनी फाइलिंग में ये भी कहा कि उसका मानना है कि कंपनी के पास फैसले के खिलाफ मजबूत तर्क हैं और वो समीक्षा या अपील के जरिए अपनी हितों की रक्षा कर रही है. उसके मुताबिक हालांकि फैसले का उसके फाइनेंशियल और ऑपरेशंस पर कोई बड़ा असर नहीं होगा.
TCS को 2022 में किया गया था जुर्माने का भुगतान
TCS को साल 2022 में एपिक सिस्टम्स केस में 140 मिलियन डॉलर की पेनल्टी का भुगतान किया गया था. कंपनी ने दावा किया था कि TCS ने एपिक के हेल्थकेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए एग्रीमेंट को लागू करने के बाद उसकी इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी चुराई थी. नवंबर में जुरी ने पाया था कि TCS को DXC की ओर से दर्ज किए गए मामले में 210 मिलियन डॉलर के जुर्माने का भुगतान करना होगा.
उस समय TCS ने कहा था कि मामले में आदेश पर कोर्ट फैसला लेगा. 2019 में दर्ज किए गए सुट में DXC ने आरोप लगाया था कि TCS को उसके सॉफ्टवेयर सोर्स कोड का एक्सेस मिल गया था और उसने खुद का अपना कंपीटिंग इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म बनाया.
अमेरिकी बेस्ड कंपनी का आरोप था कि उसने ये 2018 में 2,200 Transamerica कर्मचारियों के जरिए सोर्स कोड का एक्सेस हासिल करने के बाद किया.