ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने एक नई 'प्रेसवू आई ड्रॉप' की मंजूरी वापस ले ली है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने सबसे पहले इस प्रोडक्ट की सिफारिश की थी जिसके बाद ENTOD फार्मास्यूटिकल्स को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अंतिम मंजूरी मिली थी.
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने बुधवार को कहा कि CDSCO से मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की अनुमति मिलने के बाद Entod फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेसवू (1.25% पिलोकार्पाइन w/v) प्रोडक्ट के प्रचार को गंभीरता से लेते हुए रेगुलेटर ने अगले आदेश तक मंजूरी को निलंबित कर दिया है.
क्यों मंजूरी वापस ली
मंत्रालय ने बताया कि प्रेस और सोशल मीडिया पर प्रचार ने आई ड्राप के इस्तेमाल और जनता के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बारे में संदेह पैदा किया. आई ड्राप के प्रचार ने ओवर-द-काउंटर ड्रग की तरह इस्तेमाल करने के बारे में चिंता जताई थी, जबकि इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा के रूप में अप्रूव किया गया था.
इस आई ड्राप को वयस्कों में प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए 3 सितंबर को मंजूरी दी गई थी.
ड्रग रेगुलेटर CDSCO ने 10 सितंबर को जारी आदेश में कहा कि उसने उन खबरों का संज्ञान लिया है, जिनमें Entod फार्मास्यूटिकल्स ने दावा किया था कि वो पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए भारत में पहली आई ड्रॉप पेश कर रहा है.
रेगुलेटर ने इस दावे पर भी ध्यान दिया कि ये दवा 'एक एडवांस्ड अल्टरनेटिव देगी जो 15 मिनट के भीतर नियर विजन को बेहतर बनाती है.
रेगुलेटर ने स्पष्ट किया कि आई ड्रॉप्स को ऐसे किसी भी दावे के लिए अप्रूव नहीं किया गया था.
CDSCO ने कहा कि उसने 5 सितंबर को नोटिस जारी कर इस मामले पर Entod फार्मास्यूटिकल्स से जवाब मांगा था. लेकिन Entod फार्मास्यूटिकल्स ने इसका सही जवाब नहीं दिया था जिसके बाद ये निर्णय लिया है.