देश की सबसे बड़ी प्राइवेट ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) ने खावड़ा फेज-4 पार्ट-A प्रोजेक्ट का SPV अधिग्रहण पूरा कर लिया है. इस प्रोजेक्ट के एडिशन के साथ ही देश के एनर्जी ट्रांजीशन में लीडर के तौर पर AESL की स्थिति और मजबूत हुई है.
साथ ही देश में निजी सेक्टर की सबसे बड़ी ट्रांसमिशन कंपनी के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है. कंपनी ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि
अगले 24 महीनों में खावड़ा प्रोजेक्ट को BOOT यानी निर्माण, स्वामित्व, संचालन और हस्तांतरण (Build, Own Operate, and Transfer) के आधार पर चालू किया जाएगा.
करीब 298 किलोमीटर लंबी खावड़ा परियोजना के निर्माण के लिए 4,091 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
इसके जरिये 7 गीगावाट (GW) रीन्युएबल एनर्जी ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाएगा.
AESL के पास अब 21,783 CKM ट्रांसमिशन लाइनें और 61,686 MVA की ट्रांसमिशन कैपिसिटी होगी.
खावड़ा IVA ट्रांसमिशन लइन, नेशनल ग्रिड का हिस्सा है, जो गुजरात में खावड़ा से लकड़िया और खावड़ा से भुज तक 765 KV डबल सर्किट लाइनों को जोड़कर और 4,500 MVA की ट्रांसमिशन कैपिसिटी स्थापित कर 7 GW रीन्युएबल एनर्जी निकालने में मदद करेगी.
दुनिया का सबसे बड़ा RE पार्क
खावड़ा RE पार्क, दुनिया का सबसे बड़ा रीन्युएबल एनर्जी पार्क है. 538 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ ये पार्क फ्रांस की राजधानी पेरिस के 5 गुना के बराबर है. सोलर और विंड एनर्जी के जरिये इसकी उत्पादन क्षमता 30GW है.
खावड़ा IVA पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, एक SPV (Special Purpose Vehicle) को खावड़ा RE पार्क से 7 गीगावाट रीन्युएबल एनर्जी पैदा करने के लिए स्थापित किया गया था. इसका AESL ने अधिग्रहण किया है.
भारत की नेट जीरो जर्नी में अहम रोल
AESL ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) प्रक्रिया के माध्यम से परियोजना जीती और अगले 24 महीनों में बूट (बिल्ड, ओन ऑपरेट, एंड ट्रांसफर) के आधार पर परियोजना को चालू करेगी और अगले 35 वर्षों तक इसका रखरखाव करेगी.
दुनिया के सबसे बड़े रीन्युएबल एनर्जी पार्क के रूप में खावड़ा को एनर्जी पैदा करने के लिए ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, जो न केवल विश्व स्तरीय हो, बल्कि मजबूत और भविष्य के लिए तैयार भी हो.कंदर्प पटेल,CEO, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड
AESL को ये प्रोजेक्ट दिए जाने से क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता बढ़ेगी. AESL के CEO कंदर्प पटेल ने कहा कि अदाणी ग्रुप का दृष्टिकोण खावड़ा को, बंजर भूमि से कार्बन इमिशन में देश की नेट जीरो जर्नी में एक मील का पत्थर बनाने में भी मदद करेगा.