आने वाले महीनों में घरेलू सोलर सेल बनाने की देश की क्षमता काफी बढ़ सकती है. इससे सोलर पैनल के लिए चीन से इंपोर्ट किए जाने वाले सामानों पर हमारी निर्भरता कम होगी. रिन्युएबल एनर्जी सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने ये बात कही है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मार्च 2025 तक देश की सेल कैपिसिटी 5 गुना बढ़कर करीब 30 गीगावाट प्रति वर्ष हो जाएगी. इससे सरकार को सोलर एनर्जी हार्डवेयर को लोकल लेवल पर अपनाने को बढ़ावा देने और इस सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से आयात प्रतिबंधों को बढ़ाया जा सकेगा. ताकि चीन से सोलर सेल कॉम्पोनेंट मंगाने की जरूरत न रह जाए.
चीन से इंपोर्ट कम करने के प्रयास
केंद्र सरकार ने चीन से इंपोर्ट कम करने के प्रयास में कुछ सोलर कॉम्पोनेंट्स पर टैक्स लगाया है. केंद्र ने मॉडल्स और मैन्युफैक्चरर्स की एक अप्रूव्ड लिस्ट पेश की है, जो एक नॉन-टैरिफ ट्रेड बैरियर है. इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी शिपमेंट को बाहर रखना है.
भारत के घरेलू मॉड्यूल प्रोडक्शन में मौजूदा आयात प्रतिबंधों की बदौलत पहले से ही तेजी आई है, लेकिन निर्माता सोलर पैनल बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य बैक-एंड प्रॉडक्ट्स के लिए चीन पर निर्भर हैं.
रिन्युएबल एनर्जी सचिव भल्ला के अनुसार, सोलर सेल, प्रतिबंधित होने वाला अगला आइटम होगा. हालांकि सरकार इस बार अधिक सतर्क रहेगी. कारण कि सरकार को पिछले साल मॉड्यूल पर गैर-टैरिफ आयात प्रतिबंध को अस्थायी रूप से वापस लेना पड़ा था, क्योंकि लोकल इंडस्ट्री ने शिकायत की थी कि सप्लाई में कमी से परियोजनाएं बाधित हो रही हैं.
हम इंडस्ट्री को तैयारी के लिए लगभग 2 साल का समय देने की योजना बना रहे हैं ताकि हमारे पास पर्याप्त घरेलू क्षमता हो. ये एक दृढ़, दूरदर्शी नीति होनी चाहिए.भूपिंदर सिंह भल्ला, रीन्यूएबल एनर्जी सचिव
ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित कर रहा चीन
अमेरिका और यूरोप के अधिकारियों ने भी ऐसी शिकायत की है कि चीन की सोलर कंपनियों ने ग्लोबल डिमांड को प्रभावित किया है और वो सप्लाई चेन डेवलप करने के प्रयासों को बाधित कर रहा है. पिछले महीने बाइडेन सरकार ने भी चीन से आयात को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम उठाए थे और उन पर भारी शुल्क लगाया.
इंडस्ट्री को मजबूत मांग की उम्मीद
मुंबई स्थित ब्लूमबर्ग NEF के एनालिस्ट रोहित गद्रे के अनुसार, मैन्युफैक्चरर्स नई क्षमताएं स्थापित करने से पहले उच्च घरेलू मांग (High Domestic Demand) की भी उम्मीद कर रहे हैं. गद्रे ने कहा, 'पर्याप्त स्थानीय मांग नहीं होने की स्थिति में मैन्युफैक्चरर्स, भारत में निर्मित सेल और मॉड्यूल के लिए एक्सपोर्ट मार्केट में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं.'